Gariaband: गरियाबंद जिले के नगर पंचायत कोपरा में इस बार अध्यक्ष पद ओबीसी मुक्त के लिए आरक्षित किया गया है। रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित लॉटरी प्रक्रिया के तहत यह आरक्षण तय हुआ। इस फैसले ने चुनावी मैदान को और दिलचस्प बना दिया है, क्योंकि अब इस वर्ग के उम्मीदवारों के बीच मुकाबला तेज हो गया है।
कौन बनेगा कोपरा का पहला अध्यक्ष?
यह कोपरा नगर पंचायत का पहला चुनाव है, और जनता के साथ-साथ उम्मीदवार भी इस ऐतिहासिक अवसर को लेकर उत्साहित हैं। ओबीसी मुक्त आरक्षण के तहत अब क्षेत्र के योग्य पुरुष और महिला उम्मीदवार अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं।
प्रबल दावेदार कौन?
चुनावी दौड़ में कई नाम उभरकर सामने आ रहे हैं। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार गोरेलाल सिन्हा को जनता का समर्थन मिल रहा है। उनके सामाजिक कार्य और अनुभव ने उन्हें जनता के बीच एक मजबूत विकल्प बनाया है।
इसके अलावा, रूप नारायण साहू और नोगेश्वर साहू जैसे उम्मीदवार भी चर्चा में हैं। रूप नारायण साहू को उनकी संगठन क्षमता के लिए जाना जाता है, जबकि नोगेश्वर साहू अपनी सादगी और जनसंपर्क के लिए मशहूर हैं।
जनता की अपेक्षाएं और चुनावी मुद्दे
कोपरा में पिछले कुछ समय से विकास कार्य ठप पड़े हैं। जल आपूर्ति, सड़कों की हालत और सफाई जैसे बुनियादी मुद्दे चुनावी चर्चा के केंद्र में हैं। जनता इस बार ऐसा नेतृत्व चाहती है जो इन समस्याओं का समाधान कर सके।
स्थानीय निवासी महेश साहू कहते हैं, “हमें एक ऐसा अध्यक्ष चाहिए, जो वादे करने के बजाय काम करके दिखाए।” वहीं, युवा वर्ग रोजगार और शिक्षा के बेहतर अवसरों की उम्मीद कर रहा है।
चुनाव का महत्व
कोपरा नगर पंचायत में ओबीसी मुक्त आरक्षण के तहत अध्यक्ष पद का यह चुनाव न केवल ऐतिहासिक होगा, बल्कि यह विकास और नेतृत्व की नई दिशा भी तय करेगा। जनता की उम्मीदें ऊंची हैं, और सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि कौन कोपरा का पहला अध्यक्ष बनकर इस क्षेत्र को प्रगति के पथ पर ले जाएगा।
आगामी चुनाव न केवल कोपरा बल्कि पूरे गरियाबंद जिले की राजनीति में एक नई लहर लेकर आने वाला है।