रायपुर | CG: सिक्ख समाज छत्तीसगढ़ की महिला विंग द्वारा आयोजित “लोहड़ी दी शाम 2025” में जलती लोहड़ी में चिवड़ा, रेवड़ी अग्नि भेंठ कर परिक्रमा करते हुए लोग जमकर गिद्दा, भांगड़ा में थिरके इसका सांकेतिक अभिप्राय यह होता है, कि आपने अपने दुखों को जलाकर उसकी आहुति दे दी और उस अग्नि से हुए उजाले ने आपके जीवन मे खुशियों का उजाला भर दिया।
इसके पूर्व सिक्ख समाज छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह छाबड़ा ने अपने उदबोधन में छत्तीसगढ़ के दूरदराज अंचल से आए प्रतिभागियों व अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि सिक्खों के पारंपरिक त्यौहार लोहड़ी में सिक्ख परिवार के लोग अपनी खुशियां पूरे समाज के साथ मनाएं इसी उद्देश्य को लेकर जिन नवजात बच्चों की व न्यू कपल की पहली लोहड़ी है उनको सिक्ख समाज द्वारा सम्मानित कर पुरस्कृत किया गया. ताकि वो अपने समाज की विरसा को पहचाने अपने समाज से जुड़े रहे।
वहीँ लेडिस विंग की अध्यक्षा डॉ रीना टुटेजा ने कहा कि नारी शक्ति को बढ़ावा देने उनको पंजाबियत से जोड़ने लोहड़ी का आयोजन किया गया है पंजाब की संस्कृति,विरासत को परम्परागत भांगड़ा, गिद्दा के मनमोहक नृत्य में समाहित कर प्रस्तुत किया गया विभिन्न डांस ग्रुप जैसे गुरुनानक स्कूल के बच्चों ने तो कमाल कर दिया उन्होंने बाल्यकाल से लेकर वृद्धावस्था को भी नृत्य के माध्यम से जीवंत फिल्मांकन कर खूब वाही वाही बटोरी इसी तरह नच मुटियार ग्रुप,भाम्बरा लेडिस ग्रुप,बग्गा डांस ग्रुप,गिद्दा क्वींस ग्रुप,खालसा स्कूल ग्रुप ने अपने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीत लिया।
सिक्ख समाज छत्तीसगढ़ के संयोजक सुरेंद्र सिंह छाबड़ा ने बताया कि आज की इस लोहड़ी की शाम ने सबसे आकर्षक प्रस्तुति मिसेस 65 रही जिसमे समाज की वरिष्ठ महिलाओं ने रैम्प वाक कर दिखाया कि हम उम्र के इस पड़ाव में भी किसी युवतियों से कम नही लोहड़ी की शाम कार्यक्रम में सुपर सीनियर बुजुर्ग महिलाओं का भी सम्मान किया गया आज के इस कार्यक्रम में विशेष तौर पर महिला विंग से रीना टुटेजा, सुरिंदर कौर छाबड़ा, चरनजीत छाबड़ा, अन्नू होरा,डॉली गुम्बर,सोमा छाबड़ा, रिंकी टुटेजा,हरजीत कौर गुरदत्ता, अमरजीत कौर खुराना,सतवंत कौर सलूजा,डिम्पी,चरनदीप कौर छाबड़ा व यूथ विंग से रजत छाबड़ा, अंकुश छाबड़ा, सिमरन सिंह गुरदत्ता, अंकित खनूजा, गुरदीप सिंह छाबड़ा, इंदरपाल अजमानी उपस्थित थे. मंच संचालन गुरनीत कौर छाबड़ा, अन्नू होरा व गुरमीत सिंह गुरदत्ता ने किया।