डेस्क। BIG NEWS: दक्षिण अफ्रीका में सोने की खदान में फंसे 100 खनिकों की मौत हो गई है। वहीं कई खनिक अभी भी खदान में फंसे हैं, जिन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। वहीं जिंदा बचे खनिक शवों के साथ बुरी हालत में हैं। उन्हें न खाना पहुंच रहा है और न ही पानी मिल रहा है। जिनकी मौत हुई है, वे भी भूख-प्यास से तड़प-तड़प कर मरे।
18 लोगों के शव निकालने जा चुके हैं। माइनिंग अफेक्टेड कम्युनिटीज यूनाइटेड इन एक्शन ग्रुप के प्रवक्ता सबेलो मंगुनी ने मामले की पुष्टि की और बताया कि 26 लोग सुरक्षित रेस्क्यू किए गए हैं, जिनसे मिले वीडियो में अंदर के हालात पता चले। पता चला है कि करीब 500 खनिक सोने के लालच में खुदाई करने के लिए खदान में उतरे थे और वे अवैध तरीके से खुदाई कर रहे थे, क्योंकि खदान कई सालों से बंद पड़ी थी।
देश की सबसे गहरी खदानों में से एक में हादसा
पुलिस प्रवक्ता ब्रिगेडियर सेबाटा मोकगवाबोन ने बताया कि हादसा स्टिलफोंटेन शहर के पास बफेल्सफोंटेन में बनी सोने की खदान में हुई है। निकाले गए शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भूख प्यास से मौत होने की पुष्टि हुई है। खदान में खनिकों के शव प्लास्टिक के लिफाफों में लपेट दिए गए हैं। जो खनिक जिंदा हैं, उनकी हालत भी काफी खराब है। नवंबर महीने से खनिक अंदर ही फंसे हैं और करीब 500 खनिक खुदाई करने खदान में उतरे थे।
जिस खदान में हादसा हुआ है, वह दक्षिण अफ्रीका की सबसे गहरी खदानों में से एक है। इसकी गहराई करीब ढाई किलोमीटर है और सुरंगों का चक्रव्यूह इसके अंदर है। दक्षिण अफ्रीका में अवैध खनन पिछले कई सालों से आम बात है। सोने के लालच में लोग अवैध तरीके से खदानों में उतर जाते हैं। वे अपने साथ खाना, पानी और अन्य उपकरण भी ले जाते हैं, जिस वजह से कई बार हादसों का शिकार भी हो जाते हैं।
पुलिस कार्रवाई के डर से बाहर नहीं आ रहे खनिक
ब्रिगेडियर सेबाटा मोकगवाबोन ने बताया कि 2 महीने पहले नवंबर में पुलिस को इस खदान में अवैध खनन की जानकारी मिली थी, तब तक करीब 500 खनिक इसके अंदर उतर चुके थे। पुलिस ने उन्हें खदान से जबरन निकालने की कोशिश की, लेकिन सभी बाहर नहीं निकल पाए। तब से पुलिस और खनिकों के बीच विवाद चल रहा है। पुलिस कार्रवाई के डर से खनिक बाहर नहीं आ रहे थे।
मजबूरन पुलिस को खनिकों को निकालने के लिए खदान में उतारी गई रस्सियां हटानी पड़ी। इसके चलते पुलिस पर खाना-पानी की सप्लाई बंद करने और खनिकों को मरने के लिए मजबूर करने के आरोप लगे। इस बीच शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो मौत होने का कारण पता चलने पर फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, लेकिन तब तक 100 लोगों की मौत हो चुकी थी।