Maha Kumbh 2025 : महाकुंभ मेले में शाही स्नान का नाम बदलकर अमृत स्नान करने का निर्णय एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक पहल है, जो सनातन धर्म और परंपराओं को और अधिक मजबूती से स्थापित करने का प्रतीक है। पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के साधु-संतों का मानना है कि यह नाम परिवर्तन सनातन संस्कृति को अधिक उपयुक्त रूप से दर्शाता है और इसे मुगल काल की विरासत से अलग करता है।
महाकुंभ की विशेषता
यह महाकुंभ 144 वर्षों के बाद हो रहा है, जो इसे और अधिक विशेष बनाता है। लाखों श्रद्धालु इस आयोजन में शामिल होकर अपनी आस्था को प्रकट करते हैं और पवित्र स्नान के माध्यम से मोक्ष की कामना करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय आकर्षण
महाकुंभ मेला न केवल भारतीय संस्कृति और धर्म का उत्सव है, बल्कि यह दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। जर्मन नागरिक थॉमस जैसे लोग इस मेले में आकर भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और परंपराओं का अनुभव कर रहे हैं।