प्रदेश में पंचायत त्रि स्तरीय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग की अनदेखी को लेकर कांग्रेस ने आज जिलामुख्यालय के गांधी मैदान में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया
उल्लेखनीय है की प्रदेश अध्यक्ष के आह्वान पर पंचायती चुनाव में आरक्षण के श्रेणी में बहुसंख्यक पिछड़ा वर्ग को शामिल नहीं किया जाने को लेकर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में जानता तक यह बात पहुचने के लिए अपने पदाधिकारियों को धरना प्रदर्शन के माध्यम से जनता के बीच जाने व
त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव 2025 में राज्य सरकार द्वारा लागु की गयी नयी आरक्षण व्यवस्था के तहत वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए हुए आरक्षण में एक भी पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित नही है, जबकि प्रदेश की आधी आबादी अन्य पिछड़ा वर्ग का है। इस बहुसंख्यक आबादी के साथ भारतीय जनता पार्टी की सरकार अन्याय कर रही है। आरक्षण प्रावधानों में किये गये दुर्भावनापूर्वक संशोधन के चलते त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में ओ.बी.सी. आरक्षण खत्म हो गया है।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम ने कहा कि पहले प्रदेश में 16 जिला पंचायत और 85 जनपदों में 25 फीसदी सीटें OBC के लिए आरक्षित होती थी। लेकिन अब अनुसूचित क्षेत्रों में ओबीसी का आरक्षण लगभग खत्म हो गया है।नेताम ने कहा , प्रदेश की भाजपा सरकार ने साजिश कर OBC आरक्षण में कटौती की है। जिला और जनपद पंचायतों में OBC का आरक्षण ही खत्म कर दिया गया है।
50% आरक्षण के बावजूद नहीं मिली जिला पंचायत अध्यक्ष की 1 भी सीट
छत्तीसगढ़ में 50 फीसदी OBC आरक्षण के बावजूद जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए एक भी पद OBC को नहीं मिला। प्रदेश में नगरीय निकायों के बाद त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण तय किए गए हैं।रायपुर जिला पंचायत अध्यक्ष का पद इस बार अनारक्षित हो गया है। वहीं, धमतरी, महासमुंद, कबीरधाम, मुंगेली, में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला पंचायत अध्यक्ष पदों का आरक्षण भी अनारक्षित हुआ है। प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष की एक भी सीट OBC आरक्षित नहीं हुई है।प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के साथ हो रहे घोर अन्याय को गंभीरता से लेते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के आह्वान एक-दिवसीय जिलास्तरीय धरना / प्रदर्शन किये जाने का निर्णय लिया है।कांग्रेस इस अवसर पर जिला अध्यक्ष सहित बड़ी संख्या में काँग्रेसी शामिल हुए