कोल्ड ड्रिंक और रेड वाइन ये कुछ ऐसी ड्रिंक्स हैं, जिन्हें लोग सबसे ज्यादा पीना पसंद करते हैं। सुबह की चाय-कॉफी से लेकर बाहर दोस्तों से मिलते समय कोल्ड ड्रिंक या वाइन पीना लोगों की डाइट का अहम हिस्सा बन चुका है।
सबसे ज्यादा स्टेनिंग रेड वाइन से होती है। रेड वाइन दांत के इनेमल, यानी ऊपरी कवरिंग से लेकर जड़ों तक स्टेन लगाता है। ऐसा इसमें मौजूद क्रोमोजेन कॉन्टेंट, एसिडिटी और टैनिन्स के कारण होता है।इनके कारण रेड वाइन का स्टेन दांतों पर लंबे समय तक रहता है। लंबे समय तक रेड वाइन पीने से दांतों के बाहरी सतह का रंग हमेशा के लिए खराब हो सकता है।हालांकि, कॉफी और काली कोल्ड ड्रिंक्स से भी दांतों पर स्टेनिंग हो सकती है। कॉफी में क्रोमोजेन्स होते हैं और काली कोल्ड ड्रिंक काफी पिग्मेंटेड होती है। इसके कारण दांतों पर स्टेनिंग होने लगती है। हालांकि, कॉफी के कारण दांत के सिर्फ ऊपरी सतह पर ही डिसकलरेशन होता है, लेकिन यह भी धीरे-धीरे लंबे समय तक रह सकता है।इतना ही नहीं, इन ड्रिंक्स के कारण सिर्फ स्टेनिंग ही नहीं, दांतों को और भी कई नुकसान हो सकते हैं। इन ड्रिंक्स की एसिडिटी और शुगर के कारण दांतों से जुड़ी कई परेशानियां हो सकती हैं।
बचाव?
इसलिए इनसे बचने के लिए स्ट्रॉ का इस्तेमाल किया जाए। इससे ये ड्रिंक्स आपके दांतों के कॉन्टेक्ट में कम आएंगे। साथ ही, इन ड्रिंक्स को पीने के बाद पानी से कुल्ला करना जरूरी है, ताकि इनके पार्टिकल्स दांतों और मसूड़े पर न लगे रहें।
डॉ. यादव बताती हैं कि इन ड्रिंक्स में मौजूद शुगर और एसिड दांतों को सड़ा देते हैं। इसके कारण इनेमल इरोजन यानी दांत के ऊपरी परत को नुकसान और कैविटी हो सकती है।इसमें कैविटी की समस्या सबसे ज्यादा कोल्ड ड्रिंक से हो सकती है। वहीं, कॉफी के कारण मुंह सूखने और सलाइवा कम बनने लगता है। इस वजह से मुंह का पीएच लेवल कम हो सकता है, जो दांतों के लिए नुकसानदेह है।