डेस्क। CG NEWS : केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आदिवासी बालक बालिकाओं को मूलभूत सुविधा प्रदान करने हेतु 169 आश्रम छात्रावास लगभग लागत 231 करोड़ का स्वीकृति प्रदान की। जो की केंद्र सरकार सराहनीय पहल है। उपरोक्त सभी स्वीकृत कार्यों का सुनियोजित ढंग से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है जो बिंदुवार निम्नानुसार है।
(1) आयुक्त आदिवासी विकास रायपुर द्वारा जारी निविदा क्रमांक 4149 एवं 4152 दिनांक 23.7.2024 के द्वारा 121 कार्यों हेतु न्यूनतम आमंत्रित सूचना में कंडिका क्रमांक 19 में यह शर्त रखी गई की निविदा में डेरे डालने के पूर्व कार्यालय में एक बैठक रखी गई है और इस बैठक में जो ठेकेदार ऑनलाइन निविदा में शामिल हुए हैं, पर बैठक में उपस्थित नहीं होने के कारण निविदा निरस्त करने का प्रावधान रखा गया है। बैठक में जिन ठेकेदारों ने SOR से दर अधिक डाली थी SOR से 10 से 30 प्रतिशत अधिक होने की निविदाएं खोली गई निविदा की दर इसमें प्रत्येक ठेकेदार से फोन पर संपर्क कर प्राप्त की। इन्हीं कारणों से 28 कार्यों की दर खोली गई जिसमें काफी समय लगा एवं शेष 93 कार्यों को दर ना खोलते हुए निरस्त कर दिया गया । 28 कार्यों की निविदा स्वीकृत की प्रक्रिया में निविदा वैधता का समय 120 दिन से अधिक लगने का यह प्रमुख कारण था।
(2) उपरोक्त 93 कार्य जिनकी निविदा निरस्त कर दी गई थी एवं अतिरिक्त 48 कार्य कल 141 कार्यों क सुनियोजित निविदा निकाली गई जिनमें निम्न अनुसार भ्रष्टाचार किया गया (क) जिलेवार प्रत्येक जिले के ग्रुप बनाए गए इस ग्रुप में जिले के स्वीकृत सभी आश्रम छात्रावास के कार्यों को एक ग्रुप में लिया गया। जिस कार्य की लागत बढ़ गई और निविदा में प्रतिस्पर्धा काम हो गई प्रत्येक भवन का प्राक्कलन pwd sor पर बना है साथ ही प्रत्येक भवन की तकनीकी स एवं कार्य वार है।
साथ ही प्रत्येक भवन की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति कार्यवार है। यदि ग्रुप बने थे तो ग्रुप की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति ग्रुप वार की जाती और दरें भी ग्रुप वार आमंत्रित करनी थी। परंतु निविदा में निदा ग्रुप वर बुलाई गई एवं दरें ग्रुप में सम्मिलित कार्यवार पृथक पृथक ली गई। ग्रुप बनाने एवं निविदा में प्री क्वालिफिकेशन की जो शर्तें रखी गई उसे भ्रष्टाचार करने की ओर इंगित करती है उपरोक्त सभी कार्यवाहियों का निविदा पूर्व शासन से अनुमति एवं अनुमोदन प्राप्त नहीं किया गया दूसरी बार आमंत्रित एनडीए में प्री बीएड की मीटिंग रखी गई जिसमें भाग न लेने पर आपकी आपकी निविदा नहीं खोली जाएगी शर्त रखी गई थी । जो कि संगठित भ्रष्टाचार करने की और इंगित करती है। उपरोक्त सभी निविदा पीडब्ल्यूडी के एस ओ आर पर आमंत्रित की गई है आमंत्रित निविदा की दरें अन्य विभागों एवं स्वयं के विभाग में स्वीकृत दरों से काफी अधिक है। साथ ही इन दरों की स्वीकृति के अनुशंसा में जिस एस ओ आर के दर पे निविदा बुलाई गई है उस विभाग के किसी भी सक्षम अधिकारी की कार्यालीन अनुशंसा नहीं है उपरोक्त प्रक्रिया में करोड़ों रुपए की लेनदेन की खबर है। इन सब निविदा में सम्मिलित विभागीय अधिकारी नरेंद्र दुग्गा आयुक्त, टी चक्रवर्ती कार्यपालन अभियंता एवं विभागीय मंत्री के करीबी राहुल हरितवाल उर्फ दलाल ओएसडी तारकेश्वर देवांगन की भूमिका सम्मिलित है । निविदा की शर्तें इनके अनुसार बनाई गई है इनके द्वारा निविदा स्वीकृति का दबाव बनाया जा रहा है । इन समस्त कार्य को निरस्त करते हुए अनुसूचित जाति एवं जनजाति बालक बालिकाओं के लिए बनाए जाने वाले छात्रावास के पैसों का सही सदुपयोग किया जाए। जिससे माननीय प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को बल मिले एवं भ्रष्टाचार समाप्त हो ।(3) प्रधानमंत्री जी के जन मन के तहत स्वीकृत पी फैब्रिकेटेड 32 कार्यों की 11 ग्रुप बनाकर निविदा कर एक फॉर्म को 11 ग्रुप के 32 कार्यों का लगभग 10% अधिक दर पर स्वीकृति हेतु भेजा गया है।
(3) प्रधानमंत्री के जन-मन के तहत स्वीकृत प्री फैब्रिकेटेड 32 कार्यों की ग्रुप बनाकर सुनियोजित निविदा कर एक फर्म को 11 ग्रुप के 32 कार्यों को लगभग 10% अधिक दर पर स्वीकृति हेतु भेजा गया है । इन सभी निवदाओं में सिर्फ दो ही निविदाकार थे और सभी कार्यों में एक ही फर्म पात्र है इन निवेदनों में ऐसा नियम एवं शर्तें डाली गई कि दो फर्म ही पात्र होते हैं एक ही को सभी कार्य प्राप्त होते हैं पूर्व में भी इस फर्म को 40 कार्य दिया गया था । उपरोक्त सभी कार्य में भी भ्रष्टाचार हुआ है। उक्त सभी कार्यों की भ्रष्टाचार की जांच होकर साफ सुथरी और पारदर्शी निविदा आमंत्रित की जाए। जिससे सरकार के पैसे का सदुपयोग हो।