कोरबा। Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में 4 साल पहले पहाड़ी कोरवा नाबालिग से गैंगरेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई। उसके पिता और नातिन को भी मार डाला। अब कोर्ट ने 5 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। जबकि एक आरोपी हत्या में शामिल था, लेकिन उसने रेप नहीं किया है, क्योंकि वो नपुंसक था। इसलिए उसे उम्रकैद की सजा मिली है। मामला लेमरू थाना इलाके का है।
दरअसल, सतरेंगा गांव निवासी दोषी संतराम मंझवार, अनिल कुमार सारथी, आनंद दास, परदेशी दास और जब्बार उर्फ विक्की को फांसी की सजा सुनाई गई है। वहीं एक आरोपी उमाशंकर यादव को आजीवन कारावास की सजा मिली है। बता दें 29 जनवरी 2021 को गढ़-उपोड़ा के कोराई जंगल में एक परिवार के 3 लोगों की हत्या कर दी गई थी। मृतकों में देवपहरी गांव के धरमू उर्फ झकड़ी राम, उनकी बेटी और नातिन सतमति शामिल थे।
30 जनवरी 2021 को जंगल में मिला था तीनों का शव
आपको बता दें कि 30 जनवरी 2021 को जंगल में तीनों का शव मिला था। धरमू का परिवार आरोपी संतराम मंझवार के यहां रहकर उसके मवेशियों को चराने का काम करता था। जिसके एवज में 8000 रुपए सालाना और हर महीने 10 किलो चावल देने की बात हुई थी। लेकिन संतराम मंझवार ने मात्र 600 रुपए और 10 किलो चावल दिया था। इसलिए 29 जनवरी 2021 को पैसों का हिसाब-किताब किया। उसके बाद परिवार घर जाने के लिए सतरेंगा के बस स्टैंड चले गया। आरोपी संतराम मंझवार अपने साथियों के साथ आया और सभी को बाइक से घर छोड़ने की बात कही। पत्नी को एक बाइक से आगे भेज दिया। उसके पति, नाबालिग बेटी और नातिन को रोक लिया। धरमू को रास्ते में रोककर शराब पिलाई। फिर साजिश के तहत उसके नाबालिग बेटी से बारी-बारी से सभी ने रेप किया और डंडे-पत्थर से हमला कर उसकी हत्या कर फेंक दिया। इसके बाद उसके पिता और नातिन को भी पत्थर से हमलाकर मार डाला।