रायपुर। CG NEWS : दीक्षांत समारोह में शामिल होने के पूर्व राज्यपाल रमेन डेका तथा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में संचालित अनुसंधान कार्यां, प्रौद्योगिकी विकास तथा उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित डॉ. आर.एच. रिछारिया रिसर्च लैब का अवलोकन किया तथा वहां उपलब्ध अनुसंधान सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने वहां भारत के सबसे बड़े तथा विश्व के दूसरे सबसे बड़े धान जनन द्रव्य संग्रह का अवलोकन किया। कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने उन्हें बताया कि इस जर्मप्लाजम सेन्टर में चावल की 23 हजार 250 परंपरागत किस्मों के जनन द्रव्य को संग्रहित तथा संरक्षित किया गया है। इनमें से कई किस्में औषधीय तथा पोषक गुणों से भरपूर हैं। इन किस्मों का उपयोग धान की नई उन्नत किस्मों के विकास के लिए किया जा रहा है। इसके साथ ही यहां अन्य फसलों की 6 हजार से अधिक किस्मों का संरक्षण किया जा रहा है।
राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने रिसर्च लैब के अवलोकन के दौरान इसके विभिन्न अनुभागों का भ्रमण किया और विद्यार्थियों व रिसर्च स्कॉलरों के साथ चर्चा की। उन्होंने लैब के माध्यम से कृषकों के कल्याण को समर्पित अनुसंधान कार्य और नवाचारों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। राज्यपाल ने चावल के इंडीजिनस किस्मों के बारे में भी जाना और छत्तीसगढ़ में इसको बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों को सराहा। उन्होंने क्रॉप बायोफोर्टिफिकेशन लैब के अवलोकन के दौरान संजीवनी राइस, जिंको राइस, न्यूट्री रिच राइस जीनोटाइप सहित असम से लाए बम्बू टिश्यू कल्चर को लेकर किए जा रहे नए प्रयोगों को देखा। इस दौरान राज्यपाल ने विश्विद्यालय के छात्र-छात्राओं और देश भर से आए प्रशिक्षु विद्यार्थियों से भी आत्मीय चर्चा की। इस दौरान कृषि मंत्री रामविचार नेताम भी मौजूद थे। इसके पूर्व राज्यपाल, मुख्यमंत्री तथा कृषि मंत्री ने विश्वविद्यालय परिसर में स्थित स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यापर्ण भी किया।