गरियाबंद: जहां पूरे छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच घमासान मचा हुआ है, वहीं गरियाबंद जिले के ग्राम रावंडिकी ने एक अनूठी मिसाल पेश की है। इस गांव के सभी ग्रामीणों ने आपसी सहमति और समंजसय से अपने सरपंच और 10 पंचों को निर्विरोध चुनकर इतिहास रच दिया है।
बिना चुनाव, बिना विवाद – इस गांव ने दिखाया लोकतंत्र का सच्चा स्वरूप!
चिपड़ी सेमरा पंडरीपानी पेंड्रा नवागांव नवापारा रावणडिक्की
गांव के लोगों का कहना है कि उनका उद्देश्य राजनीति से ऊपर उठकर सामूहिक विकास और सामाजिक एकता को प्राथमिकता देना है। जब पूरे प्रदेश में चुनावी सरगर्मी तेज़ है, तब इस गांव ने आपसी सहमति से प्रतिनिधियों का चयन कर लोकतंत्र की एक नई राह दिखाई है।
सरपंच सहित 06 महिला पंच और चार पुरुष पंच चुने गए
भादु राम धुर्व सरपंच पंच बने श्यामा बाई धुर्व राम बाई धुर्व दुलेश्वरी निषाद संगीता नेताम सुनीति बाई साहू हेमा धुर्व
छन्नू लाल साहू बिसाहु सोरी दुर्गेश कुमार कुंजाम परमेश्वर नेताम
राजनीतिक दलों के लिए बड़ा संदेश
इस ऐतिहासिक फैसले से राजनीतिक दलों को भी सीख लेने की जरूरत है, क्योंकि आमतौर पर चुनाव के दौरान गांवों में गुटबाज़ी, विवाद और आपसी मतभेद देखने को मिलते हैं। लेकिन रावंडिकी गांव के लोगों ने यह साबित कर दिया कि एकता और समझदारी से बड़े से बड़े निर्णय भी शांतिपूर्ण तरीके से लिए जा सकते हैं।
गांववालों का कहना है कि वे राजनीति में नहीं बल्कि विकास और समृद्धि में विश्वास रखते हैं। यही कारण है कि उन्होंने आपसी सहमति से अपने जनप्रतिनिधियों का चयन किया। निर्विरोध चुनाव की यह पहल आने वाले समय में अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है।
गांव के वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं ने इस फैसले पर गर्व जताते हुए कहा कि,हमारा मकसद सिर्फ चुनाव जीतना नहीं, बल्कि पूरे गांव को एकजुट रखना और विकास की ओर बढ़ाना है। राजनीतिक गुटबाजी से गांवों का नुकसान होता है, इसलिए हमने सभी को मिलाकर सर्वसम्मति से प्रतिनिधियों का चयन किया।”
इस फैसले की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने भी गांववासियों के प्रयासों की सराहना की। निर्विरोध चुनाव से समाज में सौहार्द और विकास को नई दिशा मिलेगी, ऐसा विश्वास जताया जा रहा है।
रावंडिकी गांव का यह कदम न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बन सकता है।