गरियाबंद। नगर निकाय चुनाव 2025 के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों पर कड़ा प्रहार किया है। पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने और अनुशासन भंग करने के मामले में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मा. किरण सिंह देव जी ने बड़ा फैसला लेते हुए गरियाबंद, राजिम, फिंगेश्वर और देवभोग के कई कार्यकर्ताओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है।
नगरपालिका परिषद् गरियाबंद
बागी प्रत्याशी का नाम,श्रीमती सुनीता झारिया,पुरूषोत्तम सिन्हा,श्रीमती रेखा सिन्हा,श्रीमती चन्द्रप्रभा सिन्हा,श्रीमती ओमिन कोठारी,नगर पंचायत राजिम;बागी प्रत्याशी का नाम,बलराम यादव,पुरूषोत्तम लालवानी,तुषार कदम,रवि निर्मलकर,शत्रुघन धीवर,नगर पंचायत देवभोग,बागी प्रत्याशी का नाम,पंकज ठाकुर,दिनेश ठाकुर,श्रीमती सरिता निषाद,मयुर भट्टर,महादेव पांडे,नगर पंचायत फिंगेश्वर,बागी प्रत्याशी का नाम,डॉ. हरीश कुमार हरीत,अरूण साहू,भीष्म साहू,शुभम जैन,बनी सोनवानी,रमलु टान्डेकर,हैप्पी सोनी,भाजपा ने यह कार्रवाई यह साफ संदेश देने के लिए की है कि संगठन के अनुशासन से समझौता नहीं किया जाएगा। पार्टी के भीतर बगावती तेवर अपनाने वालों को अब सख्त नतीजे भुगतने होंगे।
👉 पार्टी अनुशासन के खिलाफ जाने पर कोई रियायत नहीं
नगर निकाय चुनाव के दौरान कई कार्यकर्ताओं ने पार्टी की आधिकारिक रणनीति को दरकिनार कर निर्दलीय प्रत्याशियों के रूप में चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया था। पार्टी की नीतियों के विरुद्ध जाकर चुनाव लड़ना भाजपा नेतृत्व को नागवार गुजरा और प्रदेशाध्यक्ष किरण सिंह देव ने सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दे दिया।
👉 गरियाबंद से देवभोग तक सख्त कार्रवाई
इस निष्कासन सूची में नगरपालिका गरियाबंद, नगर पंचायत राजिम, फिंगेश्वर और देवभोग के कार्यकर्ता शामिल हैं। भाजपा का यह कदम आगामी चुनावों के लिए एक कड़ा संदेश है कि अनुशासन तोड़ने वालों को पार्टी में कोई जगह नहीं दी जाएगी।
“भाजपा में रहना है तो अनुशासन में रहो” – प्रदेश नेतृत्व का साफ संदेश
भाजपा के इस बड़े एक्शन के बाद प्रदेशभर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक जानकार इसे भाजपा का आंतरिक अनुशासन मजबूत करने की दिशा में लिया गया कड़ा फैसला मान रहे हैं। अब देखने वाली बात होगी कि पार्टी के इस कड़े रुख का क्या असर पड़ता है और क्या निष्कासित नेता अब कोई नई सियासी रणनीति अपनाते हैं या नहीं।