भाजपा अध्यक्ष पद के प्रत्याशी रिखी राम को जनता का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। एक ज़मीनी नेता के रूप में पहचाने जाने वाले रिखी राम न केवल पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं, बल्कि जनता के बीच उनकी छवि एक कर्मठ और ईमानदार नेता की बनी हुई है। लोग कह रहे हैं कि इस बार चुनाव रिखी राम नहीं, बल्कि खुद जनता लड़ रही है।
जनता के लिए हमेशा आगे रहे रिखी राम
रिखी राम का जनसेवा से गहरा नाता रहा है। करीब 20 साल पहले आई भयंकर बाढ़ के दौरान उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना पुलिस बल को बचाया था। आज भी लोग उनकी बहादुरी के किस्से गर्व से सुनाते हैं। उनकी संवेदनशीलता और सेवा भावना ने उन्हें जनता के दिलों में हमेशा के लिए बसा दिया।
जरूरतमंदों के लिए मसीहा बने
गरीबों और जरूरतमंदों को आवास दिलाने की लड़ाई में भी रिखी राम सबसे आगे रहे। सरकारी योजनाओं को सही तरीके से ज़रूरतमंदों तक पहुंचाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जब लोगों के घर बनाने की बात आई, तो वे मौके पर मौजूद रहकर खुद लीड करते थे, ताकि हर गरीब को उसका हक मिल सके। उनकी इसी मेहनत और संघर्ष के कारण आज सैकड़ों परिवारों के सिर पर छत है।
कोरोना काल में जनता के लिए ढाल बने
जब कोरोना महामारी अपने चरम पर थी और लोग अपनों को छूने से भी डर रहे थे, तब रिखी राम ने आगे बढ़कर शहर की कमान संभाली। उन्होंने जरूरतमंदों को राशन, दवा और ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने से लेकर, लोगों का हौसला बढ़ाने तक हर संभव मदद की। उस मुश्किल वक्त में जब परिवार भी दूर खड़े थे, तब रिखी राम हर जरूरतमंद के साथ खड़े थे।
जनता का भरोसा और पार्टी की मजबूती
आज जब नगरीय निकाय चुनाव हो रहा है, तो जनता का समर्थन रिखी राम के पक्ष में उमड़ पड़ा है। पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर आम जनता तक, हर कोई चाहता है कि नेतृत्व एक ऐसे नेता के हाथों में हो जो धरातल से जुड़ा हो और हर वर्ग की आवाज़ बने।
राजनीतिक विश्लेषकों का भी मानना है कि अगर पार्टी नेतृत्व ने जनता की भावना को समझा, तो रिखी राम की जीत तय है। जनता अब सिर्फ समर्थन नहीं दे रही, बल्कि यह कह रही है कि अब उनकी बारी है, रिखी राम को उनका हक देने की!