प्रयागराज। Mahakumbh 2025 : महाकुंभ में माघी पूर्णिमा स्नान के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है। इस स्नान को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद अमृत स्नान की निगरानी कर रहे हैं। इसके अलावा, मेला क्षेत्र में 15 जिलों के जिलाधिकारी (डीएम) तैनात किए गए हैं। साथ ही, 20 आईएएस और 85 पीसीएस अधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है। प्रशासन को उम्मीद है कि आज ढाई करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान करेंगे।
श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा
माघी पूर्णिमा के अवसर पर महाकुंभ में यह पांचवां अमृत स्नान है। ब्रह्म मुहूर्त से ही देश-विदेश से श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। सुबह से अब तक 65 लाख से अधिक भक्त स्नान कर चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार, मेला क्षेत्र में हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कर स्नान कर रहे श्रद्धालुओं का स्वागत किया गया। इस आयोजन ने भक्तों में विशेष उत्साह और आस्था का संचार किया।
ट्रैफिक प्लान में बदलाव
मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि इस बार कुंभ में अप्रत्याशित भीड़ देखने को मिल रही है। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं। उन्होंने बताया कि माघी पूर्णिमा का स्नान दिनभर जारी रहेगा। प्रशासन की ओर से महाशिवरात्रि के अंतिम शाही स्नान के लिए भी विशेष तैयारियां की जा रही हैं। इस दौरान प्रयागराज जाने वाले मार्गों के ट्रैफिक प्लान में बदलाव किया गया है और शहर में वाहनों की एंट्री बंद कर दी गई है।
महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बनी हुई है। सात समंदर पार से भी लोग इस धार्मिक आयोजन का हिस्सा बनने के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं। भारत की प्राचीन सनातन संस्कृति और परंपराएं विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित कर रही हैं। अब तक महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र स्नान कर चुके हैं। बसंत पंचमी के दिन डेढ़ करोड़ से अधिक भक्तों ने त्रिवेणी संगम में शाही स्नान किया और मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके अलावा, 10 लाख से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ में कल्पवास कर रहे हैं।
महाकुंभ में उमड़ती श्रद्धालुओं की भीड़ और प्रशासनिक व्यवस्थाएं इस आयोजन की भव्यता को दर्शाती हैं। महाशिवरात्रि पर अंतिम शाही स्नान के साथ इस दिव्य आयोजन का समापन होगा।