गरियाबंद की राजनीति में सबसे बड़ा फैसला अब बस 24 घंटे दूर है! किसकी जीत होगी? कौन संभालेगा नगरपालिका की कमान? कौन बनेगा गरियाबंद का असली “किंग”? इन सभी सवालों का जवाब अब कुछ ही घंटों में मिलने वाला है। चुनाव की सरगर्मी अब परिणाम को लेकर , प्रत्याशियों की धड़कनें तेज़ हैं, समर्थकों की निगाहें नतीजों पर टिकी हैं।
कांग्रेस vs बीजेपी – प्रतिष्ठा की जंग
इस चुनाव में किसी निर्दलीय प्रत्याशी ने मैदान में उतरने की हिम्मत नहीं दिखाई, क्योंकि मुकाबला पूरी तरह से दो दिग्गज दलों – कांग्रेस और बीजेपी के बीच सिमट गया,गैंदलाल सिन्हा (कांग्रेस) और रिखीराम (बीजेपी) के बीच सीधी टक्कर है। जनता ने वोट डाल दिया है, अब बारी है फैसला आने की।
धड़कनों की रफ्तार तेज़, शहर में बढ़ी हलचल
चुनावी दंगल में दोनों दलों ने पूरी ताकत झोंक दी थी। अब मतगणना से पहले हर तरफ सस्पेंस और कयासों का दौर जारी है। कांग्रेस अपने वोट बैंक को लेकर आश्वस्त दिख रही है, तो वहीं बीजेपी को भी अपनी रणनीति और जनसमर्थन पर पूरा भरोसा है। लेकिन असली फैसला तो जनता ने किया है, जिसका राज़ अब बस कुछ ही घंटों में खुलेगा।
जनता की चुप्पी – किसके पक्ष में होगा फैसला?
चुनाव प्रचार के दौरान जनता ने अपनी राय खुलकर ज़ाहिर नहीं की, जिससे मुकाबला और भी रोचक हो गया। क्या लोग स्थिरता और विकास के नाम पर कांग्रेस को फिर मौका देंगे या फिर बीजेपी को परिवर्तन का जनादेश सौंपेंगे? यह रहस्य 24 घंटे में खुल जाएगा।
गरियाबंद की राजनीतिक तकदीर बदलने वाला दिन
नगरपालिका चुनाव सिर्फ़ एक सत्ता की लड़ाई नहीं, बल्कि शहर के भविष्य की दिशा तय करने वाला फैसला है। कौन इस जीत को अपनी झोली में डालेगा? गैंदलाल सिन्हा की रणनीति सफल होगी या रिखीराम अनुभव भारी पड़ेगा?अब से कुछ ही घंटों बाद गरियाबंद को उसका नया नेतृत्व मिलेगा! ताज किसके सिर सजेगा? इंतज़ार की घड़ियाँ खत्म होने को हैं…