Chhattisgarh : बिलासपुर के ऐतिहासिक मिशन अस्पताल को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने प्रशासन द्वारा अस्पताल परिसर पर की जा रही कार्रवाई पर तत्काल रोक लगा दी है। अस्पताल प्रशासन ने दावा किया था कि उनके पास सभी वैध दस्तावेज हैं, बावजूद इसके जिला प्रशासन और नगर निगम ने जबरन कब्जे की कार्रवाई शुरू कर दी। हाईकोर्ट ने सरकार और प्रशासन को 10 दिनों के भीतर अपने दस्तावेज पेश करने के आदेश दिए हैं।
मिशन अस्पताल परिसर पर नगर निगम और जिला प्रशासन द्वारा कब्जे की कोशिशों को हाईकोर्ट ने अवैध करार देते हुए रोक लगा दी है। प्रशासन ने दावा किया था कि अस्पताल की लीज 2014 में समाप्त हो गई, इसलिए यह जमीन नजूल घोषित होकर सरकारी संपत्ति बन चुकी है। इसी आधार पर प्रशासन ने अस्पताल के कुछ हिस्सों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की थी।
हालांकि, मिशन अस्पताल के प्रतिनिधियों ने इस दावे को गलत बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और अपने स्वामित्व से जुड़े सभी दस्तावेज पेश किए। हाईकोर्ट ने प्रशासन से पूछा कि अगर यह जमीन नजूल की है तो इसका ठोस प्रमाण कहां है? कोर्ट ने सरकार और जिला प्रशासन को 10 दिनों के भीतर सभी आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
मिशन अस्पताल के इस मामले ने प्रशासनिक कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाईकोर्ट का यह आदेश न केवल मिशन अस्पताल के लिए राहत भरा है, बल्कि प्रशासन के लिए भी एक बड़ा झटका साबित हुआ है। अब देखना होगा कि 10 दिनों के भीतर जिला प्रशासन क्या दस्तावेज पेश करता है और कोर्ट इस मामले में क्या अंतिम निर्णय लेता है।