रायपुर। CG NEWS: छत्तीसगढ़ के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य में बढ़ते धर्म परिवर्तन, लव जिहाद और गौ हत्या के मामलों को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने इस संबंध में राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कठोर कानून बनाने की मांग की है।
सांसद बृजमोहन ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि धर्म हमारी संस्कृति की आधारशिला है और गौ सेवा इसका अभिन्न अंग है। लेकिन हाल ही में छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण और गौ तस्करी के मामले सामने आए हैं, जो सनातन मूल्यों के लिए एक गंभीर चुनौती हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी फंडिंग के जरिए प्रलोभन, छल और भय के आधार पर धर्मांतरण को एक उद्योग के रूप में संचालित किया जा रहा है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की शह पर न केवल आदिवासी इलाकों में, बल्कि छत्तीसगढ़ के गांवों और शहरी क्षेत्रों में भी ईसाई मिशनरियों द्वारा गरीब और असहाय वर्ग के लोगों को लालच देकर मतांतरण कराया गया है। साथ ही, लव जिहाद के मामलों में भी बढ़ोतरी देखी गई है, जिसमें रायपुर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में षड्यंत्रपूर्वक धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है।
संविधान के अनुच्छेद 25(1) के अनुसार, प्रत्येक नागरिक को धर्म की स्वतंत्रता प्राप्त है, लेकिन अनुच्छेद 25(2) के तहत राज्य को यह अधिकार है कि वह लोक व्यवस्था, सदाचार और स्वास्थ्य की रक्षा हेतु धर्म परिवर्तन के अवैध कार्यों पर रोक लगाने के लिए कठोर कानून बना सके।
सांसद बृजमोहन द्वारा दिए गए प्रमुख सुझाव:
1. धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम को और कठोर बनाया जाए:
– धर्म परिवर्तन कर गलत तरीके से एससी/ओबीसी आरक्षण का लाभ लेने वालों को दंडित किया जाए।
– दूसरे धर्म में जाने के इच्छुक व्यक्ति को 60 दिन पहले कलेक्टर के समक्ष सूचना देना अनिवार्य किया जाए।
– जिला कलेक्टर धर्म परिवर्तन के वास्तविक कारणों की जांच करें।
– धर्मांतरण कराने वाले व्यक्ति को भी कलेक्टर के समक्ष आवेदन देना अनिवार्य हो।
– बलपूर्वक, अनुचित प्रभाव डालकर, प्रलोभन देकर या विवाह के जरिए धर्मांतरण करने पर कठोर दंड का प्रावधान हो।
2. गौ हत्या और गौ तस्करी के विरुद्ध सख्त कानून:
बीफ (गौ-मांस) की बिक्री, परिवहन या भंडारण करने पर न्यूनतम 1 वर्ष और अधिकतम 10 वर्ष तक की सजा हो।
– मवेशियों के अवैध परिवहन और बिक्री में संलिप्त पाए जाने पर 7 वर्ष की सजा और इस अपराध के प्रयास मात्र पर भी 3 वर्ष की सजा का प्रावधान हो।
सांसद बृजमोहन ने मांग की है कि उपरोक्त कानून इस विधानसभा सत्र में पारित किए जाएं, ताकि छत्तीसगढ़ में सनातन संस्कृति और परंपराओं की रक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण और गौ तस्करी जैसी कुरीतियों पर अंकुश लगाने के लिए कठोर कानून समय की मांग है।