जगदलपुर। CG NEWS : शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय की व्यवसायिक प्रबंध अध्ययनशाला के विद्यार्थियों ने बस्तर संभाग मुख्यालय के नकटी सेमरा स्थित मटेरियल रिसाइकलिंग सेंटर (एमआरसी) का शैक्षणिक दौरा किया। इस विजिट में लगभग 50 विद्यार्थियों ने भाग लिया और अपशिष्ट प्लास्टिक के पुनर्चक्रण (रिसाइकलिंग) की प्रक्रिया को करीब से देखा।
प्रति दिन तीन टन प्लास्टिक वेस्ट का पुनर्चक्रण
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत संचालित इस केंद्र की प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर पी. विनीता राजू ने विद्यार्थियों को जानकारी दी कि इस प्लांट में बस्तर संभाग से प्रतिदिन लगभग तीन टन प्लास्टिक कचरा एकत्रित किया जाता है, जिससे करीब दो टन ग्रेन्युअल (कच्चा माल) तैयार किया जाता है। इस ग्रेन्युअल का उपयोग प्लास्टिक के खिलौने, कुर्सी, डब्बे, सड़क निर्माण आदि में किया जाता है। वर्तमान में इस केंद्र में बने ग्रेन्युअल्स को एक्सपोर्ट भी किया जा रहा है।
एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट का भी किया निरीक्षण
विद्यार्थियों ने इस दौरान एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट का भी दौरा किया, जहां रिसाइकलिंग प्रक्रिया से निकले गंदे पानी को पुनः उपयोगी बनाया जाता है। यहां स्थापित हिकॉन मशीन की मदद से बिना प्रदूषण फैलाए पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है।
भारत में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन की आवश्यकता
विजिट का नेतृत्व कर रही विभागाध्यक्ष डॉ. रश्मि देवांगन ने कहा कि भारत प्लास्टिक अपशिष्ट पुनर्चक्रण में अभी पीछे है, जबकि दुनिया में प्लास्टिक कचरा उत्पादन में भारत सबसे आगे है। उन्होंने इस समस्या के समाधान हेतु प्लास्टिक के न्यूनतम उपयोग और वेस्ट के पुनर्चक्रण पर जोर दिया।
युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर
डॉ. देवांगन ने बताया कि इस तरह के औद्योगिक विजिट से युवाओं को नए आइडिया मिलते हैं और वे इस क्षेत्र में उद्यमिता शुरू करने के लिए प्रेरित होते हैं। उन्होंने कहा कि ‘वेस्ट टू वेल्थ’ की अवधारणा के तहत प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन से रोजगार के नए अवसर खुल सकते हैं।
प्रतिभागियों की उपस्थिति
इस दौरे में डॉ. तुलिका शर्मा, डॉ. दिलेश जोशी, डॉ. सुषमा सिंह, श्रद्धा डोंगरे, एलिस तिर्की, नीलिमा किरण, कोमल बेंजामिन, ऐश्वर्या साव सहित एमबीए, रूरल टेक्नोलॉजी, एमएसडब्ल्यू और साइकोलॉजी अध्ययनशाला के छात्र-छात्राएं शामिल रहे। इस विजिट का आयोजन आईआईसी गतिविधि के तहत किया गया।