Tata Capital IPO : टाटा कैपिटल ने अपनी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) योजना को मंजूरी दे दी है। टाटा समूह की इस वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी के IPO में 23 करोड़ नए शेयर जारी किए जाएंगे, साथ ही मौजूदा शेयरधारकों द्वारा ऑफर फॉर सेल (OFS) भी किया जाएगा।
राइट्स इश्यू से 1,504 करोड़ रुपये जुटाने की योजना
कंपनी के बोर्ड ने मौजूदा शेयरधारकों को राइट्स इश्यू के आधार पर 1,504 करोड़ रुपये तक के शेयर जारी करने का फैसला किया है। 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज की लिस्टिंग के बाद यह टाटा समूह की किसी कंपनी का पहला IPO होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टाटा कैपिटल इस IPO के जरिए करीब 15,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है।
RBI नियम के तहत सितंबर 2025 तक अनिवार्य लिस्टिंग
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने टाटा कैपिटल को ‘अपर लेयर’ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) की सूची में शामिल किया है। इस श्रेणी में आने वाली कंपनियों को, शामिल होने की तारीख से तीन साल के भीतर शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराना जरूरी होता है। इस नियम के अनुसार, टाटा कैपिटल को सितंबर 2025 तक IPO लाकर खुद को लिस्ट कराना होगा।
टाटा कैपिटल में टाटा संस की 92.83% हिस्सेदारी
टाटा कैपिटल एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है, जो टाटा संस की सहायक कंपनी है। 31 मार्च 2024 तक, कंपनी की कुल परिसंपत्तियाँ (AUM) 1.58 लाख करोड़ रुपये थीं। टाटा कैपिटल पर्सनल लोन, होम लोन, कार लोन, कमर्शियल व्हीकल लोन और बिजनेस लोन जैसी सेवाएँ प्रदान करती है। इसके अलावा, कंपनी क्रेडिट कार्ड और डिजिटल लोन की सुविधा भी देती है। कंपनी में टाटा संस की 92.83% हिस्सेदारी है, जबकि बाकी हिस्सेदारी टाटा ग्रुप की अन्य कंपनियों और ट्रस्टों के पास है।
टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के शेयरों में 7% की तेजी
टाटा कैपिटल के IPO की घोषणा के बाद, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के शेयरों में तेजी देखी गई। कंपनी का शेयर 402.85 रुपये की बढ़त के साथ 6,158.15 रुपये पर बंद हुआ। हालांकि, पिछले एक साल में इसके शेयरों में करीब 13% की गिरावट दर्ज की गई है। टाटा कैपिटल के IPO की सफलता से टाटा समूह की वित्तीय स्थिति और मजबूत होने की संभावना है। निवेशकों की इस पर विशेष नजर बनी हुई है।