“रमजान की पाक रोशनी में मासूम इशरार का पहला रोज़ा, परिवार ने माला पहनाकर किया सम्मान”
गरियाबंद। Ramadan Date 2025: आज से यानी 2 मार्च से रमजान के पाक महीने की शुरुआत हो गई हैं और भारत में आज ही रमजान का पहला रोजा रखा जा रहा है. इस पूरे माह में अल्लाह की इबादत की जाती है और हर नेकी का सवाब कई गुना बढ़ जाता है. यह महीना इबादत, सब्र और खुदा की रहमतों का है। पूरे देशभर में रोज़ेदारों ने अपने-अपने घरों में शहरी कर पहला रोज़ा रखा। इस पाक महीने की शुरुआत के साथ ही गरियाबंद के छोटे से मासूम बच्चे मोहम्मद इशरार मेमन ने भी रोज़ा रखने की जिद ठान ली।
सात साल के नन्हे इशरार की इस जिद ने परिवार को चौंका दिया। माता-पिता ने पहले उसे समझाने की कोशिश की कि वह अभी बहुत छोटा है, लेकिन उसके अटल विश्वास और दृढ़ संकल्प के आगे वे झुक गए। सुबह सेहरी के वक्त इशरार ने परिवार के साथ उठकर सेहरी की और पूरे दिन रोज़े के नियमों का पालन किया।
दिनभर बिना कुछ खाए-पिए मासूम इशरार ने रोज़े की कठिन परीक्षा को पार किया। शाम होते ही जब इफ्तार का समय हुआ, तो परिवारवालों ने खुशी-खुशी उसका सम्मान किया। इशरार को नए कपड़े पहनाए गए, उसके गले में माला डाली गई और पूरे परिवार ने उसके पहले रोज़े की खुशी में ऊपरवाले का शुक्रिया अदा किया।
इशरार की इस पाक शुरुआत से पूरा परिवार भावुक हो उठा। उसके माता-पिता मोहम्मद साजिद मेमन और अन्य परिजनों ने दुआ मांगी कि अल्लाह उसे आगे भी इसी तरह नेक राह पर चलने की हिम्मत और आशीर्वाद दे।
रमजान का पहला रोज़ा जहां बड़े-बुजुर्गों के लिए इबादत और संयम का प्रतीक होता है, वहीं छोटे इशरार का यह पहला रोज़ा सबके लिए प्रेरणा बन गया। इस मासूम बच्चे की इबादत और श्रद्धा ने साबित कर दिया कि अल्लाह की राह में उम्र नहीं, बल्कि सच्चा इरादा मायने रखता है।