गरियाबंद। चुनावी वादे अक्सर कागजों तक ही सीमित रह जाते हैं, लेकिन ग्राम पंचायत कोकड़ी के सरपंच चुम्मन ध्रुव ने यह साबित कर दिया कि अगर नीयत साफ हो तो किए गए वादों को निभाया भी जा सकता है। पंचायत चुनाव के दौरान चुम्मन ध्रुव ने घोषणा पत्र जारी कर संकल्प लिया था कि यदि वे सरपंच निर्वाचित होते हैं, तो गांव की बेटियों की शादी में 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता देंगे।
अब उन्होंने अपने इस वादे को अमलीजामा पहनाते हुए ग्राम की बेटी वर्षा ध्रुव की शादी में स्वयं उपस्थित होकर उसे 1,000 रुपये नगद भेंट किए। सिर्फ आर्थिक सहायता ही नहीं, बल्कि उन्होंने शादी समारोह में शरीक होकर परिवार की खुशियों में भी सहभागिता निभाई। इस पहल की पूरे क्षेत्र में सराहना हो रही है, क्योंकि अक्सर चुनाव के बाद जनप्रतिनिधि जनता से दूर हो जाते हैं, लेकिन चुम्मन ध्रुव ने जनता के साथ अपने रिश्ते को मजबूत बनाए रखा है।
सरपंच चुम्मन ध्रुव का संकल्प – पाँच साल तक निभाएंगे अपना वादा
सरपंच चुम्मन ध्रुव ने कहा कि उन्होंने यह वादा केवल चुनाव जीतने के लिए नहीं किया था, बल्कि यह उनका नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगले पाँच सालों तक कोकड़ी पंचायत में जहां भी बेटी की शादी होगी, वे अपनी ओर से 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता जरूर देंगे।
“बेटियों की शादी में थोड़ा सा सहयोग भी परिवार के लिए संबल बन सकता है। मेरा मकसद सिर्फ रुपये देना नहीं, बल्कि इस परंपरा के जरिए समाज में बेटियों के सम्मान को बढ़ाना भी है,” चुम्मन ध्रुव ने कहा।
गांववालों ने सरपंच की पहल को सराहा
ग्रामवासियों का कहना है कि चुम्मन ध्रुव सिर्फ सरपंच नहीं, बल्कि एक सच्चे जनसेवक के रूप में काम कर रहे हैं। उनकी इस पहल से गाँव के लोगों में खुशी की लहर है।
इस अवसर पर पंच ईश्वर ध्रुव, ललिता ध्रुव, भूमती ध्रुव, भीषण ध्रुव, ग्राम पटेल सहित कई ग्रामवासी उपस्थित रहे। ग्रामवासियों ने इस नेक पहल की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि यह कदम अन्य जनप्रतिनिधियों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेगा।
सरपंच चुम्मन ध्रुव का संदेश – बेटियाँ हैं सम्मान की प्रतीक
सरपंच ने कहा, “बेटियाँ सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की शान होती हैं। उनके विवाह में सहयोग देना मेरा फर्ज है। जब तक मैं सरपंच हूं, इस वादे को निभाता रहूंगा।”
गांव में इस पहल की हर तरफ तारीफ हो रही है और लोग इसे सरपंच चुम्मन ध्रुव की नेकदिली और समाजसेवा की सच्ची मिसाल मान रहे हैं।