गरियाबंद, खट्टी – अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्राथमिक शाला खट्टी में ऐसा आयोजन हुआ, जिसने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया कि “महिलाओं का सम्मान ही सच्ची शिक्षा है।”
विद्यालय में आयोजित ‘मातृशक्ति सम्मान समारोह’ में उन महिलाओं को विशेष रूप से सम्मानित किया गया, जो समाज में बिना किसी शोहरत के महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। इनमें मितानिन, आंगनबाड़ी सहायिका और मध्यान्ह भोजन रसोईया शामिल थीं, जो बच्चों और समाज के पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा में अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं।
शाला परिवार की ओर से प्रभारी प्रधान पाठक गिरीश शर्मा ने कार्यक्रम की अगुवाई करते हुए महिला दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि “अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के संघर्ष, उपलब्धियों और अधिकारों की रक्षा के संकल्प का दिन है। यह सिर्फ महिलाओं का ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के उत्थान का प्रतीक है।”
सम्मान समारोह में इन विशेष महिलाओं का श्रीफल और तिलक लगाकर सम्मान किया गया, जिससे उनका मनोबल बढ़ा और पूरे विद्यालय परिसर में एक प्रेरणादायक माहौल बना।
सम्मानित होने वाली मातृशक्ति में शामिल थीं –
✅ मितानिन: श्रीमती हेमिन बाई ध्रुव, श्रीमती रामेश्वरी ध्रुव
✅ आंगनबाड़ी सहायिका: नंद कुंवर यादव
✅ मध्यान्ह भोजन रसोईया: श्रीमती दीपक बाई ध्रुव
✅ पालक गण: श्रीमती अशोक बाई ध्रुव, श्रीमती सरस्वती ध्रुव
इस मौके पर विद्यालय के सहायक शिक्षक नारायण चंद्राकर और सभी छात्र-छात्राओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम के अंत में नारायण चंद्राकर ने आभार प्रदर्शन कर सभी का धन्यवाद किया।
➡️ शिक्षक ने दिया बड़ा संदेश:
यह आयोजन सिर्फ एक सम्मान समारोह नहीं था, बल्कि एक सशक्त संदेश था कि हर वर्ग, हर भूमिका और हर महिला का सम्मान जरूरी है। शिक्षक और बच्चों की इस पहल ने समाज में एक मिसाल कायम कर दी, जिसे देखकर हर किसी ने यही कहा –
“सही मायने में शिक्षक ने हमें सिखाया कि महिलाओं का सम्मान ही हर वर्ग का सम्मान है!”