बस्तर। CG NEWS : प्राकृतिक संपदा से भरपूर बस्तर में इंद्रावती नदी का जल संकट गहराने लगा है। भीषण गर्मी से पहले ही नदी सूखने लगी है, जिससे किसानों में आक्रोश बढ़ गया है। जल संकट को लेकर पहली बार बस्तर के किसानों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। ‘इंद्रावती नदी बचाओ संघर्ष समिति’ के बैनर तले किसानों ने नेशनल हाईवे-30 पर भोंड के पास चक्काजाम कर दिया, जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और यातायात ठप हो गया।
किसानों की मांग और प्रशासन का रवैया
किसानों ने कुछ दिन पहले बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर इंद्रावती नदी में बने स्टॉप डेम से पानी छोड़े जाने समेत अन्य छह सूत्रीय मांगें रखी थीं। प्रशासन को इन मांगों को पूरा करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर किसानों ने चक्काजाम करने का निर्णय लिया।
किसानों के विरोध को देखते हुए मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया, लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक प्रशासन आश्वासन नहीं देता और स्टॉप डेम का पानी नहीं छोड़ा जाता, तब तक वे हाईवे पर धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे।
सूखी नदी में खेलते बच्चे और बढ़ता अवैध उत्खनन
इंद्रावती नदी का जल स्तर लगातार घट रहा है। इस साल हालात इतने बिगड़ गए हैं कि सूख चुकी नदी में बच्चे क्रिकेट खेल रहे हैं। जल संकट के बीच रेत माफिया भी सक्रिय हो गए हैं और अवैध रेत उत्खनन धड़ल्ले से जारी है।
प्रशासन ने दिया 5% पानी छोड़ने का आश्वासन
इससे पहले भी किसानों ने प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए नदी में पैदल मार्च किया था, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। आखिरकार चक्काजाम के बाद एसडीएम ने 5% पानी छोड़ने का आश्वासन दिया, जिसके बाद किसानों ने रास्ता बहाल कर दिया। हालांकि, किसान इस फैसले से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं और उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उनकी बाकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे फिर से आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।