नई दिल्ली/रायपुर | CG: भारतीय शेयर बाजार की मजबूती और स्थिरता हमारे देश के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। विदेशी निवेशकों का आना अच्छा संकेत है, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इसका प्रभाव घरेलू निवेशकों के हितों पर न पड़े।” यह कहना है वरिष्ठ भाजपा नेता व रायपुर लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल का, जिन्होंने संसद में भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा किए गए निवेश और उसकी भूमिका पर जानकारी मांगी। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि क्या विदेशी निवेशकों द्वारा किया गया निवेश बाजार में अस्थिरता को बढ़ा रहा है और सरकार घरेलू निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए क्या कदम उठा रही है।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा संसद में दिए गए उत्तर के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने वर्ष 2023 में भारतीय इक्विटी बाजार में ₹1,71,107 करोड़ और जून 2024 से दिसंबर 2024 के बीच ₹23,791 करोड़ का निवेश किया। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने वर्ष 2023 में ₹1,83,278 करोड़ और जून 2024 से दिसंबर 2024 के बीच ₹3,12,988.59 करोड़ का निवेश किया। इसके अतिरिक्त, घरेलू वित्तीय संस्थानों (डीएफआई) द्वारा वर्ष 2023 में ₹1,188.95 करोड़ का निवेश किया गया।
मंत्री ने भी स्पष्ट किया कि शेयर बाजार का उतार-चढ़ाव कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें विदेशी पूंजी प्रवाह, घरेलू आर्थिक स्थिति, वैश्विक आर्थिक परिदृश्य और निवेशकों की मानसिकता शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) निवेशकों के हितों की सुरक्षा और बाजार की स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रभावी नियामक और निगरानी तंत्र लागू कर रहा है।
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि घरेलू निवेशकों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि सरकार विदेशी निवेश से बाजार में होने वाली अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए ठोस नीति बनाए और घरेलू निवेशकों को अधिक अवसर और सुरक्षा प्रदान करे।