रायपुर। GRAND NEWS : जब भी होली की बात आती है, तो हमारे मन में रंगों की बौछार, गुलाल और मिठाइयों की छवि उभरती है। लेकिन भारत जैसे विविधता से भरे देश में, हर पर्व की अपनी एक अलग छटा होती है। ‘होला मोहल्ला’ इसी विविधता का एक अनोखा उदाहरण है। यह पर्व पारंपरिक होली से बिलकुल अलग होता है और खासतौर पर सिख समुदाय के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। होला मोहल्ला न केवल वीरता और शौर्य का प्रतीक है, बल्कि यह सिखों की बहादुरी, आत्मरक्षा और सांस्कृतिक धरोहर को भी दर्शाता है। इसी कड़ी में रायपुर रेलवे स्टेशन गुरूद्वारे से छत्तीसगढ़ सिख संगठन द्वारा होला मोहल्ला के उपलक्ष में महाराष्ट्र के नादेंड शहर में तख्त सचखंड श्री हजूर साहिब गुरुद्वारा और कर्नाटक के बीदर में स्थित गुरु नानक झिरा साहिब गुरुद्वारा के लिए निशुल्क यात्रा को रवाना किया गया, जिसमे मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेताप्रतिपक्ष चरणदास महंत, पूर्व विधायक गुरुमुख सिंह होरा, जत्थे की अगुवाई कर रहे समाजसेवी हरमीत सिंह होरा, कमलजीत सिंह होरा समेत बड़ी संख्या में सिख समाज से जुड़े लोग शामिल हुए। धन धन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के आगे अरदास कर तीर्थ यात्रियों के जत्थे को रवानी बोले सो निहाल सत श्री अकाल के जयकारों के साथ 11 बसों में 800 तीर्थ यात्रियों को रवानगी दी गई।
बता दें कि होला मोहल्ला त्यौहार की शुरुआत सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी ने की थी, इस त्यौहार को मनाने का मकसद एकता बंधुत्व वीरता पारस्परिक प्रेम सिखों के शारीरिक और मानसिक रूप मजबूत बनाना है।