गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। CG NEWS : गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (छत्तीसगढ़) में हॉस्टल प्रबंधन की लापरवाही के कारण एक आदिवासी छात्र की मौत हो गई। मृतक छात्र शिवम सिंह के परिजनों का आरोप है कि वह पहले से बीमार था, लेकिन हॉस्टल प्रशासन ने इसकी जानकारी छुपाई। होली की छुट्टी में घर पहुंचते ही उसकी तबीयत गंभीर हो गई, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। यह घटना गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के लाटा स्थित एकलव्य आदर्श संयुक्त आवासीय विद्यालय के हॉस्टल की है। नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र शिवम सिंह की तबीयत पिछले तीन दिनों से खराब थी, लेकिन हॉस्टल प्रशासन ने न तो उसका सही तरीके से इलाज कराया और न ही परिजनों को इसकी सूचना दी। परिजनों के अनुसार, शिवम के शरीर में खून की काफी कमी थी।
छुट्टी के दौरान घर पहुंचने के बाद उसकी तबीयत और बिगड़ गई। उसे पहले निजी अस्पताल ले जाया गया, फिर जिला अस्पताल और अंत में बिलासपुर रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। घटना के बाद परिजनों ने स्कूल और हॉस्टल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
कार्रवाई एवं प्रशासनिक प्रतिक्रिया
घटना की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर एवं आदिवासी विभाग ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के अधीक्षक रामबिलास को निलंबित करने की अनुशंसा की है। वहीं, गौरेला पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और जांच शुरू कर दी है। स्कूल के प्रिंसिपल अमित कुमार पायल का कहना है कि शिवम सिंह को छुट्टी पर भेजने से पहले उसका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया था, जिसमें कोई गंभीर समस्या सामने नहीं आई थी। हालांकि, परिजनों का कहना है कि अगर प्रशासन समय रहते कार्रवाई करता तो शायद शिवम की जान बच सकती थी। यह घटना प्रशासन और हॉस्टल प्रबंधन की गंभीर लापरवाही को उजागर करती है, जिससे आदिवासी छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।