गरियाबंद के गायत्री मंदिर में होलिका दहन और रंगोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। इस आयोजन में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ इस पावन पर्व को मनाया। पिछले 34 वर्षों से चली आ रही इस परंपरा को निभाते हुए भक्तों ने मंदिर में पूजा-अर्चना की और होलिका दहन में शामिल हुए।
34 वर्षों से चली आ रही है परंपरा
गायत्री मंदिर में होलिका दहन का यह आयोजन विगत 34 वर्षों से लगातार जारी है। हर साल भक्तगण मंदिर परिसर में एकत्र होकर होलिका दहन की परंपरा निभाते हैं और बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देते हैं। इस वर्ष भी यह परंपरा उसी भक्ति भाव और उत्साह के साथ मनाई गई।
होलिका दहन के बाद रंगोत्सव में झूमे भक्त
होलिका दहन के बाद श्रद्धालुओं ने गुलाल और अबीर उड़ाकर होली का पर्व मनाया। भक्तों ने एक-दूसरे को रंग लगाकर आपसी प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। पूरा मंदिर परिसर भक्ति और उल्लास के रंगों से सराबोर नजर आया।
भजनों और कीर्तन से गूंजा मंदिर परिसर
इस दौरान मंदिर में धार्मिक भजन-कीर्तन का आयोजन भी किया गया, जिसमें भक्त झूमते नजर आए। श्रद्धालुओं ने गायत्री मंत्रों और भक्तिमय गीतों के साथ भगवान का गुणगान किया। भक्तों ने मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना कर अपने परिवार और समाज की खुशहाली की प्रार्थना की।
शुभकामनाओं के साथ संपन्न हुआ उत्सव
होली के इस पावन पर्व को भक्तों ने आपसी प्रेम और सौहार्द के साथ मनाया। मंदिर समिति के सदस्यों ने कहा कि यह परंपरा आगे भी इसी भक्ति और श्रद्धा के साथ जारी रहेगी। इस आयोजन ने न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत किया, बल्कि सामाजिक समरसता और भाईचारे का संदेश भी दिया।