महासमुंद। Heat Stroke : मौसम विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ के 13 जिलों में ’येलो अलर्ट’ जारी कर दिया गया है। लगातार बढ़ते तापमान के कारण लू (हीट वेव) का खतरा भी बढ़ गया है। महासमुंद जिले में तापमान ’35 डिग्री सेल्सियस’ के करीब पहुंच चुका है। जब वातावरण का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस (104 फैरेनहाइट) या उससे अधिक हो जाता है, तो इसे हीट वेव या लू कहा जाता है। इसका सबसे अधिक असर ’बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों’ पर पड़ता है। मस्तिष्क का ’हाइपोथैलेमस भाग शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है, लेकिन अत्यधिक गर्मी में यह तंत्र प्रभावित हो जाता है, जिससे ’’हीट स्ट्रोक’ या ’लू लगने’ की स्थिति उत्पन्न होती है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी. कुदेशिया ने बताया कि लू लगने पर सिर में भारीपन और दर्द, तेज बुखार के साथ मुंह सूखना, चक्कर आना, उल्टी होना और भूख कम लगना, कमजोरी और शरीर में दर्द, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीना न आना एवं अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना आदि लक्षण दिखाई पड़ते है।
उन्होंने बताया कि लू लगने पर प्राथमिक उपचार के लिए मरीज के सिर पर ठंडे पानी की पट्टी रखें। उसे अधिक मात्रा में पानी और पेय पदार्थ दें, जैसे कच्चे आम का पना, जलजीरा आदि। मरीज को हवादार स्थान पर लिटाएं और उसके शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करें तथा तुरंत नजदीकी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं और ओ.आर.एस घोल दें। डॉ. कुदेशिया ने लू से बचाव के उपाय बताते हुए कहा कि बहुत जरूरी न हो तो घर से बाहर न निकलें। बाहर जाने से पहले सिर और कानों को कपड़े से अच्छी तरह ढंकें। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं’ और लंबे समय तक धूप में रहने से बचें। हल्के, ढीले और ’सूती कपड़े पहनें, अधिक पसीना आने पर ओ.आर.एस घोल का सेवन करें। चक्कर या मितली आने पर छायादार स्थान पर आराम करें और शीतल पेय पिएं तथा किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए 104 आरोग्य सेवा केंद्र से निःशुल्क सलाह लें।
लू लगने के लक्षण क्या है?
बच्चों को लू लगने के लक्षण(bache ko lu lagne ke lakshan) या बड़ों में लू के निम्नलिखित लक्षण देखने को मिल सकते हैं:-
- उल्टी और मतली
- जी मिचलाना
- तेज बुखार
- लूज मोशन
- त्वचा का सूखना या गर्म होना
- त्वचा का लाल होना
- डिमेंशिया
- सिरदर्द या चक्कर आना
- मांसपेशियों में एंठन
- बेहोशी
- धड़कन तेज होना
लू लगने(हीट स्ट्रोक) के कारण क्या है?
अधिक गर्म जगह पर लंबे समय तक रहना या काम करना, लू लगने या हीट स्ट्रोक का कारण बन सकता है। धूप के साथ गर्म हवाओं में ज्यादा शारीरिक गतिविधियां करना, डिहाईड्रेट रहना, कैफीन और अल्कोहल का अत्यधिक सेवन करना इत्यादि, हीट स्ट्रोक के प्रमुख कारण हैं।
लू से बचने के लिए क्या करें?
- गर्मी के मौसम में रोजाना कम से कम 3 से 4 लीटर पानी पिएं।
- 3 लीटर पीने के पानी में 10 ग्राम वेटिवर की जड़ें डालें और उसे अच्छी तरह उबाल लें, फिर पूरा दिन इस पानी का सेवन करें।
- हीट स्ट्रोक से बचने के लिए शराब, गर्म अचार और किण्वित एसिडिक खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करें।
- लू से बचाव के लिए अपनी डाइट में नारियल पानी, नींबू का रस, तरबूज और खरबूजा जैसे मौसमी फलों को शामिल करें।
- टाइट और पॉलिएस्टर से बने कपड़ों को पहनने से बचें और इनके स्थान पर कॉटन के ढीले-ढाले कपड़े पहनें।
- घर के बाहर धूप में टोपी या छाते का उपयोग जरूर करें।
- सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक सीधी धूप में जाने से बचें, क्योंकि ये हीट स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं।
- दिन में कम से कम 2 बार ठंडे पानी से नहाएं।
- त्वचा को ठंड रखने के लिए ताजा एलोवेरा या ठंडी दही का फेस पैक अपनी स्किन पर लगाएं।
- तेज़ धूप से वापस घर आने के तुरंत बाद बर्फ का ठंडा पानी न पिएं और ठंडे पानी से तुरंत नहाने से भी बचें, क्योंकि यह शरीर के थर्मोस्टेट को परेशान कर सकता है।
- लू से बचाव करने के लिए उसके लक्षणों को पहचानना जरूरी है। इसलिए आप इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें और बचाव का उपाय करें।