मुंबई। 12th Jagran Film Festival : और इसी के साथ पर्दा गिर गया, 12वें जागरण फिल्म फेस्टिवल का समापन शानदार अंदाज में हुआ, जिससे मुंबई सिनेमा, उत्साह और प्रेरणा से सराबोर हो गया। विचारोत्तेजक सत्रों से लेकर रोमांचक अवार्ड नाइट तक, अंतिम दिन बेहद खास रहा। यह सिर्फ फिल्मों का जश्न नहीं था, बल्कि लोगों, कहानियों और सिनेमा की अविश्वसनीय शक्ति का उत्सव था।
अंतिम दिन की शुरुआत धमाकेदार रही, पहले ही सत्र से उपस्थित लोगों को शानदार वक्ताओं और चर्चाओं की शृंखला से रूबरू कराया गया। इस सत्र की शुरुआत अभिनेता पंकज कपूर ने की, जिन्होंने अपने शानदार कॅरियर और भारतीय सिनेमा के विकास पर अपने विचार साझा किए। सम्मानित हस्तियों में सीमा पाहवा, देव फौजदार और जयंत देशमुख ने थिएटर और सिनेमा के गहरे संबंधों पर चर्चा की और बताया कि कैसे नाट्यशास्त्र की तकनीकों ने फिल्म निर्माण को प्रभावित किया है। इसके बाद ऑस्कर विजेता साउंड डिजाइनर रसूल पोकुट्टी ने साउंड डिजाइन की बारीकियों और कहानी कहने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर अपने विचार साझा किए।
जागरण फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड नाइट के दौरान भारतीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं के सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान को सराहा गया। रेट्रोस्पेक्टिव इंडिया श्रेणी में अनुभवी अभिनेता पंकज कपूर को सम्मानित किया गया, जबकि रेट्रोस्पेक्टिव इंटरनेशनल सेग्मेंट में क्रिज़िस्तोफ ज़ानुसी को सम्मानित किया गया।
पुरस्कार विजेताओं में रीमा दास प्रमुख नाम बनकर उभरीं, जिन्होंने विलेज रॉकस्टार 2 के लिए बेस्ट स्क्रीनप्ले और बेस्ट एडिटिंग का पुरस्कार जीता। यह फिल्म बेस्ट फीचर फिल्म (भारतीय) का सम्मान भी जीतने में सफल रही। बेस्ट सिनेमैटोग्राफी का पुरस्कार संयुक्त रूप से रईश एस. जला और अर्जुन नेगी को द स्पार्क – चिंगार के लिए प्रदान किया गया, जबकि बेस्ट बैकग्राउंड स्कोर का पुरस्कार रॉय मेनेज़ेस को इसी फिल्म के लिए दिया गया। राम संपत को लापता लेडीज के लिए बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर के पुरस्कार से नवाजा गया।
शॉर्ट फिल्म श्रेणी में बेस्ट शॉर्ट फिल्म (भारत) का पुरस्कार द फर्स्ट फिल्म को मिला, जिसे पीयूष ठाकुर ने डायरेक्ट और प्रोड्यूस किया है। बेस्ट शॉर्ट फिल्म (अंतरराष्ट्रीय) का पुरस्कार द नोमिनीज़ को मिला, जिसे डायरेक्टर बिरुते कपुस्तिंस्कैते ने स्वीकार किया। बेस्ट ओटीटी फिल्म का पुरस्कार डायरेक्टर आरती कदव को मिसेज के लिए मिला। बेस्ट डॉक्यूमेंट्री का पुरस्कार 6A आकाश गंगा को प्रदान किया गया। बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर (2024) का सम्मान शशि चंद्रकांत खंडारे को जिप्सी के लिए मिला। बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार रीमा दास को विलेज रॉकस्टार 2 के लिए दिया गया।
दर्शकों की पसंद (मोस्ट एडमायरिंग फिल्म – ऑडियंस चॉइस) का पुरस्कार नमस्ते सर को मिला, जिसे गौरव असरी ने डायरेक्ट किया है। इंटरनेशनल फीचर कैटेगरी में बेस्ट फीचर फिल्म (इंटरनेशनल) का पुरस्कार क्वाड्रिलैटरल को प्रदान किया गया। बेस्ट एक्टर (ओटीटी – फीमेल) का पुरस्कार सान्या मल्होत्रा को मिसेज के लिए मिला, जिसे हरमन बावेजा ने स्वीकार किया। बेस्ट एक्टर (मेल) का पुरस्कार स्पर्श श्रीवास्तव को मिला। बेस्ट एक्टर (फीमेल) का पुरस्कार नितांशी गोयल को लापता लेडीज में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए दिया गया।
सिनेमा में विशिष्ट योगदान के लिए विशेष सम्मान से भी कुछ हस्तियों को सम्मानित किया गया। श्री चाबू तुकाराम नागरे को सिनेमाई कला में विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया गया। विनीत कुमार सिंह को अचीवर्स अवॉर्ड प्रदान किया गया।भारतीय सिनेमा के सच्चे प्रतीक (ट्रू आइकन ऑफ इंडियन सिनेमा) का प्रतिष्ठित खिताब श्री समीर अनजान को दिया गया। भव्य रेड कार्पेट इवेंट पर बॉलीवुड सितारों की मौजूदगी दर्ज की गई, जिनमें सौरभ सचदेवा, अमित साध, विनीत कुमार सिंह, श्वेता बसु प्रसाद, मधुरिमा तुली, इनामुलहक, ओंकार कपूर, विशाल पांडे सहित कई मशहूर हस्तियां मौजूद थीं, जिन्होंने इस समारोह की शोभा बढ़ाई।
इस साल का फेस्टिवल सिर्फ फिल्मों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें उन लोगों को भी शामिल किया गया जिन्होंने इन फिल्मों को साकार किया। थिएटर के दिग्गजों, बॉलीवुड के प्रतिष्ठित कलाकारों और उभरते सितारों ने मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। शिल्पा शेट्टी, मधु, अदिति राव हैदरी, श्रुति महाजन, अदा शर्मा, विक्रम भट्ट, कृति खरबंदा और अन्य ने अपनी कहानियों, अनुभवों और स्टार पावर से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। शरद केलकर, कुमुद मिश्रा, सौरभ सचदेवा और अन्य कलाकारों ने भी सिनेमा और थिएटर की दुनिया से जुड़े अपने बहुमूल्य अनुभव साझा किए। यह तीन दिनों तक चलने वाला एक ऐसा अद्भुत समारोह था, जिसने हमें हंसाया, रुलाया और सिनेमा की यात्रा पर विचार करने के लिए प्रेरित किया।
जागरण प्रकाशन लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट बसंत राठौर ने फेस्टिवल पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, “जागरण फिल्म फेस्टिवल ने दिल्ली से अपनी यात्रा शुरू की थी, जिसका उद्देश्य सार्थक सिनेमा को दर्शकों के करीब लाना था। अगले 100 दिनों में यह एक राष्ट्रीय उत्सव बन गया, जो 18 शहरों और 11 राज्यों में लोगों के दिलों तक पहुंचा और अंत में मुंबई में संपन्न हुआ। इस फेस्टिवल की खासियत यह है कि यह कहानी कहने की शक्ति के माध्यम से संस्कृतियों को जोड़ता है। इस बार फेस्टिवल में 78 भाषाओं में 292 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया, जिसने स्क्रीन से परे गहरी चर्चाओं को जन्म दिया। हर पड़ाव पर इस फेस्टिवल ने केवल फिल्में नहीं दिखाई, बल्कि चर्चाओं को प्रोत्साहित किया, उभरते फिल्म निर्माताओं को प्रेरित किया और समुदायों को एकजुट किया। शानदार प्रतिक्रिया ने इस विश्वास को और मजबूत किया कि सिनेमा एक सार्वभौमिक भाषा है, और हमें गर्व है कि जेएफएफ एक ऐसा मंच बन गया है जो हर स्तर पर दर्शकों से जुड़ता है।”
उन्होंने आगे कहा, “मुंबई में इस संस्करण का समापन शानदार रहा और दर्शकों से मिले जबरदस्त प्यार ने इसे और भी खास बना दिया। हमने जागरण अवार्ड नाइट में उन लोगों का सम्मान किया, जिन्होंने कला और मनोरंजन के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया है। अब हम अगले संस्करण को लेकर उत्साहित हैं और दर्शकों के लिए और भी अधिक समृद्ध सिनेमा चर्चाएं लाने के लिए तत्पर हैं।”
जैसे ही इस शानदार संस्करण का अंतिम पर्दा गिरा, हम अगले फेस्टिवल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। जागरण फिल्म फेस्टिवल ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यह एक सशक्त आंदोलन है, जो सपने देखने वालों, कहानीकारों और सिनेप्रेमियों को एक साथ लाता है। यह साल हमारे लिए एक प्रेरणादायक यादगार रहा, जिसने हमें सिनेमा के जादू से फिर से प्यार करने का मौका दिया। चाहे आप एक रचनाकार हों, बेहतरीन कहानियों के प्रेमी हों या फिर हर फ्रेम की नब्ज को महसूस करने वाले व्यक्ति हों, जागरण फिल्म फेस्टिवल वह जगह है जहाँ सिनेमा की असली आत्मा जीवंत होती है। और सबसे अच्छी बात? यह सफ़र अभी खत्म नहीं हुआ है। अगला फेस्टिवल जल्द ही आने वाला है, जिसमें और बड़ी फिल्में, रोमांचक चर्चाएं और सिनेमा की अद्भुत दुनिया देखने को मिलेगी। तैयार रहिए, क्योंकि यह सफर अभी खत्म नहीं हुआ है – यह तो बस शुरुआत है!