रायपुर। CG NEWS : विधानसभा में गुरुवार को विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए इसे महज आंकड़ों का खेल बताया, जबकि भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कांग्रेस शासनकाल की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कई आरोप लगाए।
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर का बयान
अजय चंद्राकर ने चर्चा के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ की जीडीपी राष्ट्रीय औसत से बेहतर है और सरकार का लक्ष्य जीएसडीपी को दोगुना करना है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार बेरोजगारी की परिभाषा तक तय नहीं कर पाई थी। राज्य की प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 62 हज़ार रुपये तक पहुंच चुकी है और राजस्व वृद्धि 13.8 फीसदी अनुमानित है, जो पिछली सरकार की तुलना में अधिक है। उन्होंने यह भी बताया कि 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद में 9.7 फीसदी की वृद्धि हुई है।
चंद्राकर ने कहा कि राज्य में अब किसी को नग्न प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। पिछले एक साल में 300 नक्सली मारे गए और 1,000 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पूछा कि पूर्ववर्ती सरकार का नक्सलियों से क्या संबंध था।
उन्होंने पीएससी घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि टामन सोनवानी के रिश्तेदारों के नाम इस घोटाले में आए हैं। आरोप लगाया कि कांग्रेस शासनकाल में सैकड़ों युवाओं के सपनों को तोड़ा गया। उन्होंने वक्फ बोर्ड की जमीन पर अवैध कब्जे का भी मुद्दा उठाया और कहा कि इस पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पलटवार
भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार के बजट पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले बजट का 50 फीसदी से भी कम खर्च किया गया है, फिर इस बार इतना बड़ा बजट क्यों चाहिए? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की कई योजनाएं बंद कर दी गई हैं और इस बजट पर न मंत्रियों को विश्वास है और न अधिकारियों को।
बघेल ने कचरू साहू मामले का जिक्र करते हुए कहा कि पहले इसे आत्महत्या बताया गया, लेकिन जबलपुर हाईकोर्ट के निर्देश पर दोबारा पोस्टमार्टम हुआ तो हत्या की पुष्टि हुई। उन्होंने यह भी कहा कि देश के इतिहास में पहली बार कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय जलाए गए और दोषी अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने सवाल किया कि जब सरकार कुछ करना ही नहीं चाहती, तो उसे बजट देने का क्या औचित्य है?
विवादित मुद्दों पर गरमाई बहस
विधानसभा में इस दौरान नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना, बिजली उत्पादन में कमी, बोधघाट परियोजना, किसानों की आत्महत्या और प्रशासनिक भ्रष्टाचार को लेकर भी तीखी बहस हुई। अजय चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में केंद्र से मिले हजारों करोड़ रुपये अन्य योजनाओं में डायवर्ट कर दिए गए। वहीं, बघेल ने भाजपा सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि जनता के हित में कोई ठोस कार्य नहीं हो रहा है।