गरियाबंद। CG NEWS : शराब महंगी होने के कारण सस्ते नशे का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। आंध्र प्रदेश से आए कुछ लोग गरियाबंद के देवभोग व अमलीपदर थाना क्षेत्र में नशीली दवा मिलाकर खजूर रस बेचने का गोरखधंधा चला रहे हैं। इसे सल्फी रस बताकर लोगों को बेचा जा रहा है।
आंध्र से आए लोगों का अवैध कारोबार
देवभोग मंडी के पीछे बनी झोपड़ी और अमलीपदर के बीसी पारा सहित करीब 40 ठिकानों पर इस नशीले पेय की बिक्री की जा रही है। अनुमान के अनुसार, पूरे इलाके में प्रतिदिन 2 से 3 हजार लीटर मिलावटी सल्फी रस की खपत हो रही है। पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत के कारण यह अवैध कारोबार बिना किसी रोक-टोक के जारी है।
सस्ते नशे की बढ़ती लत, युवा हो रहे शिकार
सरकारी शराब की बढ़ती कीमतों के कारण लोग इस सस्ते नशे की ओर आकर्षित हो रहे हैं। यह पेय 50 रुपये प्रति लीटर में उपलब्ध है, जो महंगी शराब का विकल्प बन चुका है। इस नशीले पेय में दुर्गंध न होने के कारण 14 से 22 वर्ष तक के स्कूली छात्र भी इसका सेवन कर रहे हैं।
किडनी फेलियर से मौतें, कई युवा बीमार
पिछले 10 महीनों में इस जहरीले पेय के कारण 11 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 25 से 40 वर्ष की उम्र के युवा शामिल हैं। डॉक्टरों के अनुसार, इस नशीले पदार्थ में मौजूद हानिकारक तत्व लीवर और किडनी को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं। वर्तमान में 30 से अधिक युवा फैटी लीवर व किडनी की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।
जिम्मेदार विभागों की मिलीभगत
इस अवैध कारोबार को संचालित करने वाले लोगों के पुलिस व आबकारी विभाग से मधुर संबंध हैं। इनकी कॉल डिटेल्स निकाली जाएं तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं। अधिकारियों की मिलीभगत के चलते यह घातक नशा बेखौफ तरीके से बेचा जा रहा है।
डॉक्टरों की चेतावनी
डॉ. प्रकाश साहू के अनुसार, इस मिलावटी पेय में नशीली दवाओं के घातक तत्व होते हैं, जो लीवर, किडनी और पाचन तंत्र को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। यह नशा मानसिक रूप से भी बुरा प्रभाव डालता है, जिससे इसकी लत लग जाती है और छोड़ने पर नींद न आने जैसी समस्याएं होती हैं।
आवश्यक कार्रवाई की मांग
इस घातक नशे के बढ़ते प्रचलन को रोकने के लिए प्रशासन को त्वरित कार्रवाई करनी होगी। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि युवाओं का जीवन सुरक्षित रह सके।