जगदलपुर। CG NEWS : विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर शुक्रवार को बस्तर संभाग मुख्यालय स्थित वन विद्यालय, जगदलपुर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान वनों की सुरक्षा, सतत उपयोग और उनके संरक्षण को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदर्शनी, प्रजेंटेशन और विशेषज्ञों के व्याख्यान आयोजित किए गए।
कार्यक्रम में शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव, मुख्य वन संरक्षक आरसी दुग्गा, कांगेर वैली के डायरेक्टर चूड़ामणि सिंह, विवि वानिकी एवं वन्यजीव अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष प्रो. शरद नेमा तथा वन विद्यालय की संचालक दिव्या गौतम उपस्थित रहे।
वनों के महत्व पर जोर
कुलपति प्रो. मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि देश में ग्रीन इकोनॉमी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिसके तहत विकास, वन और पर्यावरण को परस्पर संतुलित रखने की आवश्यकता है। उन्होंने बस्तर की स्वच्छ वायु गुणवत्ता का श्रेय यहां के घने वनों को दिया।
मुख्य वन संरक्षक आरसी दुग्गा ने वनों की सुरक्षा पर बल देते हुए कहा कि अगर इन्हें संरक्षित नहीं किया गया तो वायु प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं बस्तर को भी प्रभावित कर सकती हैं। उन्होंने वनों में आग लगने की समस्या को भी गंभीर चुनौती बताया।
कांगेर वैली के डायरेक्टर चूड़ामणि सिंह ने फॉरेस्ट फूड को सतत बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण समुदाय वनों से तेंदू, मिलेट, बांस जैसी खाद्य सामग्रियों के साथ-साथ वन पर्यटन के माध्यम से भी आजीविका अर्जित कर रहे हैं।
वरिष्ठ प्रोफेसर शरद नेमा ने बताया कि देश में वन क्षेत्र लगातार घट रहा है। आवश्यक 33% के मुकाबले वर्तमान में केवल 20-21% वन क्षेत्र ही बचा है। पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए इस अंतर को कम करना आवश्यक है।
वन विद्यालय की संचालक दिव्या गौतम ने कहा कि वनों का महत्व पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन उन पर लगातार खतरा बढ़ता जा रहा है। उन्होंने आने वाली पीढ़ी के लिए वनों के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया।
विद्यार्थियों ने प्रस्तुत किए मॉडल
कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के फॉरेस्ट्री डिपार्टमेंट के पीएचडी स्कॉलर एवं एमएससी के विद्यार्थियों ने विभिन्न विषयों पर मॉडल प्रदर्शनी प्रस्तुत की। आकांक्षा राठी, साक्षी स्वैन एवं शिवम श्रीवास्तव ने विशेष प्रजेंटेशन दिए।
विद्यार्थियों ने एग्रो फॉरेस्ट्री, सॉयल प्रोफाइल, एनडब्ल्यूएफटी, वूड सैंपल, इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम, कांगेर वैली, फॉरेस्टेड एवं डी-फॉरेस्टेड लैंड, फॉरेस्ट फ्रूट, फॉरेस्ट ट्यूबर, पग मार्क आइडेंटिफिकेशन एवं हनी बी विषयों पर मॉडल प्रस्तुत किए।
विशेषज्ञों की उपस्थिति
कार्यक्रम में एसोसिएट प्रोफेसर विनोद कुमार सोनी, डॉ. सजीवन कुमार, अतिथि व्याख्याता प्रीति दुबे, कांगेर वैली की वैष्णवी सतपुते सहित अन्य विशेषज्ञ एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2012 से प्रतिवर्ष 21 मार्च को विश्व वानिकी दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष का थीम “फॉरेस्ट एंड फूड” रखा गया, जिसके अंतर्गत खाद्य सुरक्षा, पोषण और आजीविका में वनों की भूमिका को रेखांकित किया गया।