बिलासपुर। CG NEWS : छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आसपास के गांव धमनी, कड़ार, सेंवार और चकरभाठा में शिक्षा के अधिकार (RTE) के तहत 24 गरीब बच्चों ने प्राइवेट स्कूल में दाखिला लिया था। वे पहली से आठवीं कक्षा तक पढ़ रहे थे, लेकिन अचानक प्रबंधन ने नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 से स्कूल बंद करने का निर्णय लिया, जिससे इन बच्चों की पढ़ाई पर संकट खड़ा हो गया है।
आपको बता दें ग्रामीण क्षेत्रों में कोई अन्य प्राइवेट स्कूल नहीं है, जहां वे आगे की शिक्षा ग्रहण कर सकें। परेशान अभिभावकों ने कलेक्टर से मुलाकात कर बच्चों को अन्य विद्यालय में प्रवेश दिलाने की मांग की।
इस दौरान अभिभावक सुरेश कैवर्त ने बताया कि स्कूल के अचानक बंद होने से बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है, वहीं सोनम पाटिल ने कहा कि जिन परिवारों में अधिक बच्चे हैं, उनके लिए प्राइवेट स्कूल की फीस भरना मुश्किल है। वे चाहते हैं कि बच्चों को किसी अन्य निजी विद्यालय में प्रवेश मिले ताकि उनकी शिक्षा बाधित न हो।
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी अनिल तिवारी ने बताया कि जिले में दो प्राइवेट स्कूल—विनर्स वैली जरहभाठा और सेंट एंड्रयूज स्कूल धमनी—सत्र समाप्ति के बाद बंद होने की सूचना दे चुके हैं। प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन से बात कर विद्यालय को किसी अन्य समूह को सौंपकर संचालित करने का आग्रह किया, लेकिन स्कूलों ने विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए असमर्थता जताई। इससे शिक्षा के अधिकार के तहत पढ़ रहे गरीब बच्चों का भविष्य अनिश्चित हो गया है…