रायगढ़। CG: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला के धरमजयगढ़ वन मंडल में बीती रात एक हाथी शावक गड्ढे में गिरकर चट्टानों के बीच फंस गया। इससे वह बाहर नहीं निकल सका। ऐसे में रात भर हाथियों का झुंड जंगल में मदद के लिए चिंघाड़ते रहा। सुबह सूचना मिलने के बाद रेस्क्यू कर वन अमला ने शावक को बाहर निकाला और उसके झुंड में मां से मिलाया।
शुक्रवार की रात तकरीबन 2-3 बजे बाकारूमा रेंज के जामबीरा बीट के जंगल में 25 और दूसरा 15 हाथियों का दल विचरण कर रहा था। तभी 25 हाथियों के दल का एक शावक अचानक जंगल के गड्ढे में गिर गया और चट्टानों के बीच फंस गया। इसके बाद वह निकलने की काफी कोशिश किया, लेकिन बाहर नहीं निकल सका। ऐसे में शावक के साथ ही हाथियों का झुंड मदद के लिए चिंघाड़ते रहा। सुबह भी उनकी आवाजे जंगल से आ रही थी।
चिंघाड़ने की सूनी गई आवाजे
तब सुबह तकरीबन 7 बजे हाथी मित्र दल के सदस्य ट्रेकिंग के लिए निकले, तो उन्होंने चिंघाड़ने की काफी आवाज सूनकर समझ गए कि कोई बात है। जिसके बाद पता करने में शावक का गड्ढे में गिरने की जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने मामले की सूचना विभागीय अधिकारियों को दी।
जिसके बाद तत्काल डीएफओ, एसडीओ के निर्देश पर वन अमला ने रेस्क्यू शुरू किया। तकरीबन 20-25 वनकर्मी समेत हाथी मित्र दल चट्टनों के बीच शावक के बाहर निकलने के लिए रास्ता बनाने लगे। तब करीब 1 घंटे के रेस्क्यू के बाद शावक को बाहर निकाल लिया गया, लेकिन अब उसे उसकी मां से मिलाना था।
ऐसे में वन विभाग की पूरी टीम शावक को एक घेरा बनाकर उसे बीचे में रखी और वनकर्मी धीरे-धीरे उसे झुंड की ओर ले जाने लगे। इस दौरान जंगल में हाथियेां के चिंघाड़ने की आवाज आ रही थी। ऐसे में करीब 3 घंटे में वन अमला ने नारंगी वन क्षेत्र के कक्ष क्रमांक 391 आरएफ में शावक को उसके झुंड से मिला दिया।
शावक का झुंड में आने के बाद उनका बर्ताव किस तरह का है, उसकी निगरानी ड्रोन के जरिए की जा रही थी। बताया जा रहा है कि शावक को झुंड ने एक्सेप्ट कर लिया। ऐसे में तकरीबन वन अमला ने 7-8 किमी तक उनकी ट्रेकिंग भी की। ताकि उनके मुवमेंट की जानकारी वन अमला को होते रहे।
इस संबंध धरमजयगढ़ वन मंडल के डीएफओ अभिषेक जोगावत ने बताया कि मामले की सूचना सुबह 7 बजे मिली। इसके बाद वन अमला की टीम मौके पर पहुंची। वस्तुस्थिति का जायजा लेने के बाद रेस्क्यू शुरू किया गया। करीब 1 घंटे में रेस्क्यू कर उसे बाहर निकाला गया। इसके बाद सबसे बड़ी चुनौती शावक को उसकी मां से मिलाने की थी, लेकिन वन अमला ने वह कर दिखाया और शावक को झुंड से मिलाया। ड्रोन कैमरे से लगातार निगरानी की जा रही थी। हाथी शावक सुरक्षित अपनी मां के पास पहुंच गया। आसपास क्षेत्र में 15 अन्य हाथी का दल भी विचरण कर रहा है।