गरियाबंद-रमजान के पाक महीने के बाद चांद के दीदार के साथ ईद का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया। गरियाबंद में भी आज यानी 31 मार्च को ईद-उल-फितर की खुशियां देखी गईं। सुबह से ही मुस्लिम समाज के लोग नए कपड़े पहनकर ईदगाह की ओर रवाना हुए। डाक बंगला स्थित ईदगाह में मौलाना रज्जब अली साहब ने ईद की नमाज अदा करवाई। इस मौके पर बच्चे, जवान और बुजुर्ग सभी ने एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी। परंपरा के अनुसार, बच्चों को ईदी भी दी गई, जिससे उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
ईदगाह में जिले के विभिन्न गांवों और कस्बों से आए मुस्लिम भाइयों ने नमाज अदा की। इसके बाद एक-दूसरे को बधाइयां दी गईं और अमन-चैन की दुआ मांगी गई। मीठी ईद पर कुछ मीठा खाने की परंपरा के चलते बाजारों में भी विशेष रौनक देखने को मिली। बीते दो दिनों से मिठाइयों, नए कपड़ों और मेहंदी की दुकानों पर काफी चहल-पहल रही।
गफ्फू मेमन ने दी ईद की मुबारकबाद, कहा – यह भाईचारे का पर्व है
नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष गफ्फू मेमन ने गरियाबंद के सभी नागरिकों को ईद की दिल से मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा,
“ईद का त्योहार सिर्फ मुस्लिम समाज का नहीं, बल्कि यह पूरे समाज के लिए खुशियों और भाईचारे का संदेश लेकर आता है। यह दिन हमें एक-दूसरे के साथ मोहब्बत, सद्भावना और शांति बनाए रखने की सीख देता है। रमजान के पूरे महीने संयम और इबादत के बाद आने वाली यह ईद अल्लाह की रहमत और नेमत का दिन है। मैं गरियाबंद के सभी लोगों की खुशहाली और समृद्धि की दुआ करता हूं।”
ईद पर चाक-चौबंद रही पुलिस व्यवस्था
ईद-उल-फितर के मद्देनजर गरियाबंद जिले में सुरक्षा व्यवस्था को बेहद कड़ा रखा गया। ईदगाह, भाटा, तिरंगा चौक मस्जिद सहित अन्य प्रमुख स्थलों पर पुलिस बल तैनात रहा। थाना प्रभारी ओमप्रकाश यादव ने सुरक्षा की कमान संभाली और शहरभर में पुलिस बल को मुस्तैद रखा।
थाना प्रभारी ने कहा,
“ईद भाईचारे और सौहार्द्र का त्योहार है, जिसे शांतिपूर्ण तरीके से मनाने के लिए पुलिस पूरी तरह सतर्क रही। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस जवान तैनात किए गए थे। प्रशासन की पूरी कोशिश रही कि सभी लोग त्योहार को सुरक्षित और खुशहाल माहौल में मना सकें।”
इसके अलावा शहर के विभिन्न स्थानों पर पुलिस गश्त करती रही। प्रशासन ने ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी भी सुनिश्चित की, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
क्यों मनाया जाता है ईद-उल-फितर का त्योहार?
ईद-उल-फितर इस्लाम धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो रमजान के एक महीने के रोजे (उपवास) के बाद मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रमजान के महीने में ही पहली बार कुरान शरीफ का अवतरण हुआ था। इसके अलावा, 624 ईस्वी में पैगंबर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में विजय प्राप्त की थी, जिसके बाद पहली बार ईद मनाई गई थी।
इस दिन मुस्लिम समाज के लोग गरीबों और जरूरतमंदों को फितरा (दान) देते हैं, ताकि वे भी इस खुशी में शामिल हो सकें। ईद का संदेश मोहब्बत, भाईचारे और दया पर आधारित है, जो सभी इंसानों को एक-दूसरे की मदद करने और साथ मिलकर रहने की प्रेरणा देता है।