Free Helmet: भारत में सड़क सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब हर नई बाइक के साथ दो ISI मार्क वाले हेलमेट मुफ्त दिए जाएंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस नई नीति की घोषणा की, जिससे दोपहिया चालकों और उनके सहयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। यह कदम हेलमेट पहनने की आदत को बढ़ावा देने और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में अहम भूमिका निभाएगा।
दो हेलमेट डबल सुरक्षा
THMA के अध्यक्ष राजीव कपूर ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा, “यह सिर्फ एक नियम नहीं, बल्कि देश की एक बड़ी जरूरत है। जिन परिवारों ने सड़क हादसों में अपने प्रियजनों को खोया है, उनके लिए यह फैसला एक नई उम्मीद लेकर आया है, जो भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं को रोकने का वादा करता है।” उद्योग जगत ने इस बात पर बल दिया कि दोपहिया वाहनों की सवारी को अब जोखिम का पर्याय नहीं बनना चाहिए। अगर चालक और सहयात्री दोनों ISI प्रमाणित हेलमेट का इस्तेमाल करेंगे, तो हर यात्रा न सिर्फ सुरक्षित होगी, बल्कि जिम्मेदारी का भी प्रतीक बनेगी।
क्या है ISI सर्टिफिकेट?
ISI प्रमाणित हेलमेट वे होते हैं, जो भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा निर्धारित सुरक्षा को पूरा करते हैं। इन हेलमेट्स पर ISI (इंडियन स्टैंडर्ड्स इंस्टीट्यूट) का चिह्न लगा होता है, जो इस बात की गारंटी देता है कि इन्होंने सख्त गुणवत्ता और सुरक्षा जांच को सफलतापूर्वक पार किया है। यह प्रमाणन उपयोगकर्ता को यह विश्वास दिलाता है कि दुर्घटना की स्थिति में हेलमेट सवार की रक्षा करने में सक्षम होगा।
ISI मार्क क्यों जरुरी?
ISI मार्क इसलिए जरूरी है क्योंकि यह हेलमेट की गुणवत्ता और सुरक्षा का एक विश्वसनीय प्रमाण है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा दी जाने वाली यह निशानी दर्शाती है कि हेलमेट ने कठोर परीक्षणों को पास किया है, जैसे प्रभाव प्रतिरोध, मजबूती, और पहनने में आराम। सड़क दुर्घटनाओं में सिर की चोटें सबसे खतरनाक होती हैं, और ISI मार्क वाला हेलमेट यह सुनिश्चित करता है कि सवार को अधिकतम सुरक्षा मिले। बिना इस प्रमाण के हेलमेट शायद सस्ते हों, लेकिन वे जरूरी सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाते। इसलिए, ISI मार्क न सिर्फ एक मानक है, बल्कि आपकी जान की रक्षा का भरोसा भी है।
ISI सर्टिफाइड हेलमेट की पहचान
अगर आप ISI सर्टिफाइड हेलमेट खरीदना चाहते हैं, तो निम्नलिखित चीजों पर ध्यान दें।
हेलमेट पर ISI मार्क होना चाहिए,ISI मार्क के नीचे 7 अंकों का लाइसेंस नंबर दिया गया होना चाहिए।
IS 4151:2015 कोड मौजूद होना चाहिए, जो दोपहिया वाहनों के लिए मान्य हेलमेट का मानक है।>
1.88 लाख से ज्यादा लोगों की मौत
भारत में हर साल 4.80 लाख से अधिक सड़क हादसे दर्ज किए जाते हैं, जिनमें लगभग 1.88 लाख लोग अपनी जान गंवा देते हैं। इनमें से 66% मृतक 18 से 45 साल की उम्र के बीच के होते हैं। दोपहिया वाहनों से संबंधित दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष 69,000 से ज्यादा लोगों की मौत होती है, और इनमें से आधी यानी 50% मौतें हेलमेट न पहनने के कारण होती हैं।