नोएडा। Crime News : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नोएडा सेक्टर-105 में किराए की कोठी में अवैध रूप से पोर्न फिल्में बनाने और उन्हें विदेशों में बेचने वाले एक बड़े रैकेट का खुलासा किया है। इस कार्रवाई में आरोपी पति-पत्नी उज्जवल किशोर और नीलू श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया गया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह रैकेट साइप्रस, यूरोप और अफ्रीका तक फैला हुआ था और हवाला के जरिए करोड़ों की विदेशी फंडिंग प्राप्त कर रहा था।
कैसे चलता था यह गोरखधंधा?
नोएडा सेक्टर-105 में एक डॉक्टर की कोठी किराए पर लेकर यह दंपती अश्लील कंटेंट तैयार कर रहा था। ऑडिशन के नाम पर लड़कियों को बुलाया जाता था और उन्हें जबरन पोर्न फिल्मों में काम करने के लिए मजबूर किया जाता था। शूटिंग के लिए अत्याधुनिक स्टूडियो सेटअप तैयार किया गया था, जहां से तैयार किया गया अश्लील कंटेंट अंतरराष्ट्रीय वेबसाइटों को बेचा जाता था।
ईडी की बड़ी कार्रवाई, करोड़ों की फंडिंग का खुलासा
ईडी ने जब इस अवैध धंधे पर शिकंजा कसा, तो पता चला कि इस नेटवर्क में कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भी शामिल हैं। जांच में करोड़ों रुपये की अवैध विदेशी फंडिंग का खुलासा हुआ है, जो हवाला के जरिए भारत लाया जा रहा था। आरोपी दंपती ने अपनी कंपनी सुबदीगी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर विदेशों से पैसा मंगवाया था।
कोठी के अंदर चलता था ‘ब्लैक स्टूडियो’
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस कोठी में बाहरी लोगों का आना-जाना सीमित था और दरवाजा केवल युवतियों के आने पर ही खुलता था। शूटिंग उपकरण भी नियमित रूप से यहां आते-जाते देखे गए थे। ईडी की छापेमारी के दौरान लाखों रुपये की नकदी और कई अहम सबूत जब्त किए गए हैं।
सभी स्टूडियो अपार्टमेंट्स की होगी जांच
इस मामले के उजागर होने के बाद नोएडा पुलिस ने जिले के सभी स्टूडियो अपार्टमेंट्स की गहन जांच करने की घोषणा की है। प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि कहीं और भी इसी तरह के अवैध कार्य तो नहीं हो रहे हैं।
पोर्न पर प्रतिबंध के बावजूद क्यों फल-फूल रहा यह धंधा?
भारत में पोर्न बनाना, बेचना और प्रसारित करना अवैध है, बावजूद इसके यह काला कारोबार तेजी से फैल रहा है। 2018 में सरकार ने 850 पोर्न वेबसाइटों को प्रतिबंधित किया था, लेकिन ये वेबसाइटें नए डोमेन नामों के साथ फिर से सक्रिय हो जाती हैं। इसके अलावा, व्हाट्सऐप, टेलीग्राम और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए भी अश्लील कंटेंट तेजी से प्रसारित किया जा रहा है।
आगे की जांच जारी
ईडी इस पूरे रैकेट की गहराई से जांच कर रही है और आने वाले दिनों में इस कारोबार से जुड़े और भी बड़े नामों का खुलासा हो सकता है। प्रशासन इस अवैध धंधे पर पूरी तरह से शिकंजा कसने की तैयारी में है।