गरियाबंद। Mukhyamantri Tirth Darshan Yojana : मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत पूर्व में वरिष्ठ नागरिक तथा दिव्यांजन शामिल थे। जिसे विस्तार करते हुए विधवा एवं परित्यक्त महिलाओं को भी शमिल किया गया है। योजना के क्रियान्वयन तथा तीर्थ दर्शन योजनाओं के संचालन के लिए जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है। समाज कल्याण विभाग के उप संचालक डीपी ठाकुर ने बताया कि जिसमें जिले के प्रभारी मंत्री अध्यक्ष, कलेक्टर उपाध्यक्ष, जिला पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत के सीईओ, जिले के सत्कार अधिकारी, सीएमएचओ सदस्य एवं उप संचालक समाज कल्याण सदस्य सचिव होंगे।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत यात्रियों को निर्धारित प्रारूप में आवेदन दो प्रतियों में देना होगा। आवेदन पत्र हिन्दी में ही भरा जायेगा। आवेदन के साथ रंगीन फोटो निर्धारित स्थान पर लगाना होगा। आवेदन के साथ निवास के साक्ष्य के लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, ड्रायविंग लाईसेंस, मतदाता पहचान पत्र की छायाप्रति या राज्य शासन द्वारा स्वीकार्य कोई अन्य प्रमाण पत्र अथवा अभिलेख। आवेदक को किन्ही दो नाम निर्देशितियों का नाम एवं मोबाईल नम्बर देना आवश्यक होगा। 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति जिसने अकेले यात्रा करने के लिए आवेदन किया है उन्हें अपने साथ एक सहायक को यात्रा पर ले जाने की पात्रता होगी, जिसकी आयु 21-50 वर्ष होगी। आवेदक को अपने नगरीय निकाय/जनपद पंचायत/ग्राम पंचायत/जिला कार्यालय समाज कल्याण द्वारा निर्धारित स्थान पर इच्छुक तीर्थ स्थान की यात्रा हेतु निर्धारित प्रारूप में आवेदक निर्धारित समय-सीमा के पूर्व आवेदन करना होगा।
इस योजना के लिए 75 प्रतिशत हितग्राही ग्रामीण क्षेत्र तथा 25 प्रतिशत हितग्राही शहरी क्षेत्र के होंगे। इस योजना के 80 प्रतिशत हितग्राही बीपीएल/अन्त्योदय एवं मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना के कार्डधारी होगें एवं 20 प्रतिशत हितग्राही गरीबी रेखा के ऊपर के नागरिक होंगे जो आयकर दाता न हो। प्रत्येक स्थान के यात्रा हेतु प्राप्त आवेदन में से उपलब्ध कोटे के अनुसार यात्रियों का चयन किया जायेगा।
यदि निर्धारित कोटे से अधिक संख्या में आवेदन प्राप्त होते तो लॉटरी द्वारा यात्रियों का चयन किया जायेगा। कोटे के 25 प्रतिशत अतिरिक्त व्यक्तियों की प्रतीक्षा सूची बनाई जायेगी। दिव्यांग आवेदक पति/पत्नी में से किसी एक नाम चुना जाता है तो उसका जीवन साथी यात्रा पर जा सकेगा। आवेदन करते समय ही आवेदक को जीवनसाथी का आवेदन भी संलग्न करना होगा। दिव्यांग तीर्थ यात्री के साथ एक सहायक का तीर्थ यात्रा पर जाना अनिवार्य होगा।