नई दिल्ली। Waqf Amendment Act 2025: वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को अब राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। अब ये कानून बन चुका है और इसे ‘वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025’ के नाम से जाना जाएगा। नया अधिनियम वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, पंजीकरण और वक्फ बोर्ड की पारदर्शिता व जवाबदेही बढ़ाने के लिए अहम बदलाव लेकर आया है। सरकार का दावा है कि इससे वक्फ संपत्तियों पर किसी भी प्रकार की धांधली या विवाद को रोकने में मदद मिलेगी।
Waqf Amendment Act 2025: वक्फ एक्ट में क्या बदला
नए वक्फ कानून के अनुसार, अब कोई वक्फ संपत्ति बिना लिखित दस्तावेज के दर्ज नहीं की जाएगी। सरकारी जमीनों को वक्फ संपत्ति के तौर पर दर्ज नहीं किया जा सकेगा। कोई जमीन विवादित या सरकारी निकली तो वक्फ में दर्ज नहीं होगी। कलेक्टर को इसकी जांच का अधिकार मिला है। 6 माह के अंदर सभी वक्फ संपत्तियों का ब्योरा ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज कर दिया जाएगा।
Waqf Amendment Act 2025: वक्फ बोर्ड में जोड़े गए नए प्रावधान
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सरकार का दावा है कि नया कानून वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग रोकेगा। साथ ही असली मालिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा। बोहरा और अघाखानी समुदायों के लिए अलग वक्फ बोर्ड गठन का प्रावधान है। वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों और महिलाएं भी बतौर सदस्य नियुक्ति होंगी। वक्फ संपत्तियों के सर्वे का जिम्मा अब सर्वे कमिश्नर की बजाय कलेक्टर को सौंपा गया है।
Waqf Amendment Act 2025: जगदंबिका पाल ने बताया ऐतिहासिक
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, एक ऐतिहासिक कानून है। सेना और रेलवे से ज्यादा वक्फ की प्रॉपर्टी है, जिसका फायदा गरीब और पसमांदा मुसलमानों को मिलेगा। हालांकि, कुछ लोग अभी भी गुमराह कर रहे हैं। वक्फ (संशोधन) विधेयक में सच्चर कमेटी की सिफारिशें भी लागू की गई हैं।