गरियाबंद। CG NEWS : छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में करोड़ों के गोल्ड लोन घोटाले की मास्टरमाइंड और इंडियन ओवरसीज बैंक की पूर्व सहायक प्रबंधक अंकिता पाणिग्रही को राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने ओडिशा के बरगढ़ से गिरफ्तार कर लिया है। वह पिछले दो वर्षों से फरार चल रही थी और पुलिस को लगातार चकमा दे रही थी।
बंद पड़े खातों और कम ट्रांजेक्शन वाले खातों को बनाया निशाना
आरोपी ने बड़ी ही शातिराना तरीके से उन बैंक खातों को निशाना बनाया जिनमें या तो कोई लेनदेन नहीं होता था या वे पूरी तरह बंद पड़े थे। इन खातों का उपयोग कर उसने फर्जी दस्तावेज तैयार किए और कुल 1 करोड़ 65 लाख रुपये से अधिक के गोल्ड लोन मंजूर करवा लिए। यह पूरी रकम बैंक से निकाल कर गबन कर ली गई।
2023 में दर्ज हुआ था मामला
इस घोटाले का खुलासा वर्ष 2023 में हुआ था, जब राजिम स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक शाखा में अनियमितताओं की जानकारी बैंक प्रबंधन को मिली। मामले की शिकायत मिलने पर EOW ने जांच शुरू की और आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(क) (संशोधित 2018) और IPC की धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज किया गया।
अब भी खुल सकते हैं और राज़
EOW फिलहाल आरोपी अंकिता पाणिग्रही से गहन पूछताछ कर रही है। प्रारंभिक जांच में ऐसे संकेत मिले हैं कि इस घोटाले में अन्य बैंककर्मी या बाहरी लोग भी शामिल हो सकते हैं। ब्यूरो अब इस बात का पता लगाने में जुटा है कि इस फर्जीवाड़े में किन-किन लोगों की भूमिका रही।
राज्य में हलचल तेज
इस बड़े घोटाले की गिरफ्तारी के बाद राज्य के बैंकिंग और जांच एजेंसियों में हलचल मच गई है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं।