गरियाबंद। CG NEWS : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार सुबह 8 बजे नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में *नवकार महामंत्र* का पाठ कर विश्व शांति, एकता और सौहार्द का संदेश दिया। इस ऐतिहासिक अवसर पर छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जैन श्री संघ के सदस्यों ने ऑनलाइन माध्यम से हिस्सा लेकर कार्यक्रम को और भी विशेष बना दिया।
यह आयोजन नवकार महामंत्र दिवस के रूप में मनाया गया, जिसका उद्देश्य विश्वभर में अहिंसा, करुणा और आत्मिक शांति के संदेश को फैलाना था। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “विश्व शांति आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। नवकार महामंत्र हमें जो मार्ग दिखाता है, वह समस्त मानवता के लिए कल्याणकारी है।” उन्होंने इसे एक वैश्विक संदेश के रूप में प्रस्तुत करते हुए सभी धर्मों और समुदायों से शांति और एकता के लिए साथ आने की अपील की।
गरियाबंद जैन श्री संघ की सक्रिय सहभागिता
इस विशेष आयोजन में गरियाबंद जैन श्री संघ के प्रमुख सदस्यों – ललित पारख, पुराण चंद जैन, मनीष पारख, विकास पारख, सौरभ पारख, सुमित पारख, रिंकू जैन, श्रेयांश पारख, सौमिल पारख, शुभ पारख और पार्श्व पारख – ने ऑनलाइन माध्यम से भाग लिया। इसके अतिरिक्त महिला सदस्यों में चंचल पारख, लीला बाई पारख, सूरज देवी पारख, मीना जैन, संतोष पारख, आभा पारख, पूजा पारख, पूनम पारख, मुस्कान पारख, सरिता जैन, मानसी बारड़िया, नित्या पारख, पार्श्व पारख और भूमिजा पारख भी शामिल रहीं।
संघ के सदस्य सुमित पारख ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “यह हमारे लिए गौरव की बात है कि हम प्रधानमंत्री जी के साथ इस वैश्विक शांति प्रयास का हिस्सा बने। इस आयोजन ने हमें गहराई से प्रेरित किया है और हम इसके संदेश को अपने जीवन में अपनाने का प्रयास करेंगे।”
आधुनिक तकनीक से जुड़ी आध्यात्मिक पहल
कार्यक्रम की एक खास बात यह रही कि देशभर से लाखों लोग ऑनलाइन जुड़े। तकनीक के माध्यम से जहां एक ओर यह आयोजन अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा, वहीं दूसरी ओर छोटे शहरों की भागीदारी ने इसे सर्वसमावेशी और प्रेरणादायक बना दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने जैन समुदाय के सेवा, संयम और अहिंसा के मूल्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि “जैन धर्म का दर्शन आज के समय में अत्यंत प्रासंगिक है और यह मानवता को एक नई दिशा देने में सक्षम है।”
सोशल मीडिया पर भी दिखा उत्साह
इस आयोजन की चर्चा सोशल मीडिया पर भी खूब रही। गरियाबंद जैन श्री संघ के सदस्यों ने अपने अनुभव और गर्व के क्षण को साझा किया। समुदाय के लोगों ने इसे अपने लिए एक ऐतिहासिक अवसर बताया और प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास की सराहना की।
शांति का संदेश और समापन
कार्यक्रम के समापन पर प्रधानमंत्री ने सभी देशवासियों से आह्वान किया कि वे अपने जीवन में अहिंसा, शांति और सह-अस्तित्व को अपनाएं। “नवकार महामंत्र केवल एक पाठ नहीं, बल्कि एक जीवनदर्शन है,” उन्होंने कहा। इस आयोजन ने स्पष्ट किया कि भारत की आध्यात्मिक परंपराएं आज भी वैश्विक मंच पर प्रासंगिक हैं। गरियाबंद जैसे छोटे नगरों से आई आवाज ने यह सिद्ध कर दिया कि शांति और एकता के बड़े संदेश कहीं से भी शुरू हो सकते हैं।