गरियाबंद। CG NEWS : जिले के ग्राम पंचायत तेतलखुटी (धरनीबहाल) में एक अनोखी और पारंपरिक रस्म को जीवंत करते हुए श्री जयसिंह ठाकुर ने अपने बगीचे के आम के पेड़ की शादी काठ के दूल्हे से कराई। यह परंपरा वर्षों से यहां निभाई जाती रही है, जिसमें आम के पेड़ पर पहली बार फल लगने पर उसकी विधिवत विवाह कराई जाती है।
इस आयोजन में आम के पेड़ को दुल्हन और काठ से बने पुतले को दूल्हा बनाया गया। महिलाओं ने मंगल गीतों के साथ हल्दी लगाई और दूल्हे को सजाया। ग्रामीणों की मौजूदगी में पूरे वैदिक विधि-विधान से शादी की रस्में निभाई गईं। पंडित धोबलेश्वर पुरोहित ने मंत्रोच्चार के साथ सिंदूरदान, कन्यादान और सात फेरों जैसी सभी रस्में संपन्न कराईं। पेड़ के मालिक जयसिंह ठाकुर और उनकी पत्नी ने कन्यादान की भूमिका निभाई।
शादी के बाद दोनों पक्षों के लिए भोज का आयोजन भी किया गया। इस अनोखी परंपरा के पीछे का उद्देश्य पेड़-पौधों के संरक्षण और प्रकृति के प्रति सम्मान को बढ़ावा देना है। पुरोहित धोबलेश्वर ने बताया कि यह परंपरा हमें पेड़ों से भावनात्मक जुड़ाव सिखाती है और वृक्षों की रक्षा का संदेश देती है।
जयसिंह ठाकुर ने बताया कि इस रस्म के जरिए न केवल प्रकृति से जुड़ाव होता है, बल्कि यह परंपरा समाज में पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी लाती है। उन्होंने कहा कि जब तक पेड़ की शादी नहीं हो जाती, तब तक पहले फल को नहीं चखा जाता।
यह परंपरा प्रकृति के प्रति आस्था और संरक्षण की मिसाल है, जो आने वाली पीढ़ियों को धरती और जीवन बचाने का संदेश देती है।