उत्तर प्रदेश। Sitapur journalist murder case : उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में दैनिक जागरण के पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की हत्या के मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। 8 मार्च 2025 को हुई इस सनसनीखेज वारदात के पीछे एक मंदिर के पुजारी का काला सच सामने आया है। पुलिस के मुताबिक, पुजारी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर ने अपने कुकर्मों का पर्दाफाश होने से बचने के लिए इस हत्या की साजिश रची थी।
कैसे शुरू हुआ मामला?
जांच में पता चला कि राघवेंद्र वाजपेई ने मंदिर के अंदर पुजारी शिवानंद बाबा को एक बच्चे के साथ कुकर्म करते हुए देख लिया था। नन्हें बच्चों के साथ इस घिनौने अपराध की जानकारी मिलने के बाद पत्रकार ने इसे उजागर करने का फैसला किया और पुजारी को खबर छापने की चेतावनी दी। अपनी कथित प्रतिष्ठा और समाज में बनाई छवि को बचाने के लिए पुजारी ने पत्रकार को रास्ते से हटाने की ठान ली।
हत्या की साजिश और शूटरों का खेल
पुलिस के अनुसार, शिवानंद बाबा ने अपने दो सहयोगियों, निर्मल और एक अन्य व्यक्ति, के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई। उसने शूटरों को 4 लाख रुपये की सुपारी देकर राघवेंद्र वाजपेई को खत्म करने का ठेका दिया। 8 मार्च को लखनऊ-दिल्ली हाईवे पर इमलिया सुल्तानपुर के हेमपुर ओवरब्रिज के पास बाइक सवार राघवेंद्र को रोककर अज्ञात हमलावरों ने गोलियों से भून डाला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके शरीर से चार गोलियां निकलने की पुष्टि हुई थी।
पुलिस की कार्रवाई
34 दिन की गहन जांच के बाद सीतापुर पुलिस ने इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली। सीतापुर के पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, “पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की हत्या के मामले में मुख्य साजिशकर्ता पुजारी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उसने मंदिर में बच्चों के साथ दुष्कर्म किया था, जिसे पत्रकार ने देख लिया था। खबर छपने से रोकने के लिए उसने यह कदम उठाया।” पुलिस ने पुजारी और उसके दो सहयोगियों को हिरासत में ले लिया है, लेकिन हत्या को अंजाम देने वाले दो शूटर अभी फरार हैं। उनकी तलाश के लिए क्राइम ब्रांच और एसटीएफ की दस टीमें नोएडा और आसपास के इलाकों में छापेमारी कर रही हैं।
पहले थी अलग थ्योरी
हत्याकांड के बाद शुरुआती जांच में धान खरीद घोटाले और जमीन खरीद-फरोख्त में भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली राघवेंद्र की रिपोर्टिंग को हत्या का कारण माना जा रहा था। लेकिन पुलिस ने इस एंगल को दरकिनार कर नए सबूतों के आधार पर पुजारी के कुकर्म को असली वजह बताया।
पत्रकारिता जगत में आक्रोश
राघवेंद्र वाजपेई की हत्या ने पूरे उत्तर प्रदेश के पत्रकार समुदाय को झकझोर कर रख दिया था। हत्या के विरोध में सीतापुर, लखनऊ, बरेली सहित कई जिलों में पत्रकारों ने प्रदर्शन किए थे। उनकी मांग थी कि हत्यारों को सख्त सजा दी जाए और पीड़ित परिवार को मुआवजा व सरकारी सहायता दी जाए।
परिवार का दर्द
राघवेंद्र के परिवार ने हत्यारों की गिरफ्तारी तक अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था। उनके पिता महेंद्र वाजपेई, मां किरन, पत्नी और दो छोटे बच्चे इस घटना से टूट चुके हैं। परिवार का कहना है कि राघवेंद्र सच के लिए लड़े और उन्हें इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।
अब आगे क्या?
पुलिस ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। फरार शूटरों की गिरफ्तारी के लिए अभियान तेज कर दिया गया है। यह घटना न केवल पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि धार्मिक स्थानों पर होने वाले अपराधों को भी उजागर करती है। समाज में इस खुलासे से गहरा आक्रोश फैल गया है, और लोग दोषियों को कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं।
फिलहाल, जांच जारी है और पुलिस का दावा है कि जल्द ही सभी आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया जाएगा।