मनेंद्रगढ़। CG NEWS : जिले के केल्हारी विकासखंड के तिलोखन ग्राम में नाली नहर निर्माण को लेकर भ्रष्टाचार और अनियमितता की बड़ी खबर सामने आई है। जल संसाधन विभाग के ठेकेदार द्वारा निर्मित इस नहर को लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त नाराजगी है। मीडिया की पड़ताल में यह मामला सामने आया है कि विभागीय लापरवाही के चलते ठेकेदार ने मनमाने ढंग से घटिया गुणवत्ता की नाली नहर का निर्माण कर डाला है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार ने किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के उद्देश्य से इस नहर की योजना को स्वीकृति दी थी, लेकिन जो निर्माण हुआ है, वह न तो तकनीकी मानकों पर खरा उतरता है और न ही उद्देश्य की पूर्ति कर पा रहा है।
ऊंचाई के अंतर से रुका पानी का बहाव
जानकारी के अनुसार, 2009-10 में क्षेत्र में बिही नाला का डायवर्शन किया गया था और अब इसी के अंतर्गत करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी नाली नहर बनाई गई है। मगर नई नहर को डायवर्शन से ऊंचा बना दिया गया है, जिससे पानी का बहाव या तो रुका हुआ है या बेहद धीमा है। ग्रामीणों ने बताया कि करीब डेढ़ करोड़ की लागत से बनी इस नहर में न तो सूचना पटल लगाया गया और न ही सही जानकारी सार्वजनिक की गई, जिससे संदेह और भी गहराता जा रहा है।
ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों ने निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया है और कार्य को जल्दबाजी में निपटा दिया गया। साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि इस परियोजना में आवंटित धन का जमकर दुरुपयोग हुआ है।
प्रशासन की चुप्पी पर भी उठे सवाल
इस पूरे मामले में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का रुख भी सवालों के घेरे में है। तय समय पर कार्यालय खुलने के बावजूद अधिकारी समय पर उपस्थित नहीं रहते, जिससे उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। फोन पर संपर्क साधने की कोशिशें भी नाकाम रहीं। अब अधिकारी व्यस्तता का हवाला देकर फोन तक नहीं उठा रहे हैं।
क्या होगी कार्रवाई?
ग्रामीणों की मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषी ठेकेदार व अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही खराब निर्माण को तुरंत दुरुस्त कर किसानों के लिए पानी की व्यवस्था बहाल की जाए।