पूजा के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं..
- पहला मुहूर्त: 12 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 34 मिनट से सुबह 9 बजकर 12 मिनट तक
- दूसरा मुहूर्त : 12 अप्रैल को शाम को 6 बजकर 46 मिनट से लेकर रात 8. 8 मिनट तक
पूजन विधि (Hanuman Jayanti 2025)
- प्रातः काल स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और भगवान हनुमान की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- लाल फूल, चोला, सिंदूर, चमेली का तेल, गुड़ और केला चढ़ाएं।
- हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड या रामायण का पाठ करें।
- हनुमान जी को लाल रंग का प्रसाद (लड्डू या बूंदी) अर्पित करें।
- दिन भर व्रत रखें और शाम को दीपक जलाकर आरती करें।
मंत्र (Hanuman Jayanti 2025)
- ॐ महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते. हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये। नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा। हनुमन्नंजनी सुनो वायुपुत्र महाबल: अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुते।
- “ॐ हं हनुमते नमः”
हनुमान जी की आरती (Hanuman Jayanti 2025)
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥