Tea in paper cups: हममें से ज़्यादातर लोग चाय और कॉफी के शौकीन हैं। सफर हो या ब्रेक का समय, एक कप गर्म चाय जरूरी सी लगती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस डिस्पोजेबल पेपर कप में आप चाय पी रहे हैं, वो आपकी सेहत के लिए कितना खतरनाक हो सकता है?
विशेषज्ञों के मुताबिक, इन पेपर कप में वाटरप्रूफिंग के लिए जो पतली प्लास्टिक की परत होती है, वो गर्म चाय के संपर्क में आते ही पिघलने लगती है। इससे माइक्रोप्लास्टिक निकलकर हमारी बॉडी में चला जाता है, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। अध्ययनों से ये भी साबित हुआ है कि लंबे समय तक ऐसे कप में गर्म पेय पीने से शरीर में टॉक्सिक तत्व जमा हो सकते हैं।
क्या इससे कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती हैं?
जब आप चाय, कॉफी या कोई भी गर्म पेय पदार्थ पेपर कप में डालते हैं, तो उसमें मौजूद माइक्रोप्लास्टिक की परत पिघलने लगती है. इस परत से सूक्ष्म कण निकलते हैं. ये कण इतने छोटे होते हैं कि इन्हें आंखों से भी नहीं देखा जा सकता है. इन्हें सिर्फ माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है. जब इसमें चाय डाली जाती है, तो ये लिक्विड के साथ मिलकर पाचन तंत्र में चले जाते हैं. नतीजतन, विशेषज्ञों का कहना है कि प्लास्टिक के कण स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं.
हार्मोनल इंबैलेंस
प्लास्टिक और कागज के कप में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक होते हैं. एक अध्ययन के अनुसार, एक पेपर कप में अनुमानित 20,000 से 25,000 माइक्रोप्लास्टिक कण होते हैं. इससे शरीर में हार्मोनल असंतुलन होता है और घातक बीमारियां होती हैं. जब कप में गर्म तरल पदार्थ डाले जाते हैं, खास तौर पर हाई टेंपरेचर पर, तो माइक्रोप्लास्टिक की परत टूट जाती है और कण तरल में निकल जाते हैं. माइक्रोप्लास्टिक के अलावा, पैलेडियम, क्रोमियम और कैडमियम जैसे हानिकारक केमिकल भी पेपर कप की परत से रिसते हैं. शोध से पता चला है कि इससे हार्मोनल असंतुलन, प्रजनन संबंधी समस्याएं, कैंसर का खतरा और तंत्रिका संबंधी विकार होते हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, जब भी संभव हो, सिरेमिक या स्टेनलेस स्टील जैसी सामग्री से बने कप में चाय पिएं. इस तरह आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं.