Health NEWS: विटामिन (vitamin) या जीवन सत्व भोजन के अवयव हैं, जिनकी सभी जीवों को अल्प मात्रा में आवश्यकता होती है। रासायनिक रूप से ये कार्बनिक यौगिक होते हैं। उस यौगिक को विटामिन कहा जाता है, जो शरीर द्वारा पर्याप्त मात्रा में स्वयं उत्पन्न नहीं किया जा सकता; बल्कि भोजन के रूप में लेना आवश्यक है।
विटामिन ए – वृद्धि रुकना रतौंधी व जीरफ्थेल्मिया, संक्रमण के प्रति प्रभाव्यता, त्वचा और झिल्लियों में परिवर्तन का आना, दोषपूर्ण दाँत आदि।
- विटामिन बी1 — वृद्धि का रुकना, भूख और वजन का घटना, तंत्रिका विकास, बेरी-बेरी, थकान का होना, बदहजमी, पेट की खराबी आदि।
- विटामिन बी2 — वृद्धि का रुकना, धुधली दृष्टि का होना, जीभ पर छाले का पड़ जाना, असमय बुढ़ापा आना, प्रकाश न सह पाना आदि।
- विटामिन बी3 — जीभ का चिकनापन, त्वचा पर फोड़े फुंसी होना, पाचन क्रिया में गड़बड़ी, मानसिक विकारों का होना आदि।
- विटामिन बी5 — पेशियों में लकवा, पैरों में जलन आदि।
- विटामिन बी6 — त्वचा रोग, मस्तिष्क का ठीक से काम ना करना, शरीर का भार कम होना, अनीमिया आदि।
- विटामिन बी7 — लकवा की शिकायत, शरीर में दर्द, बालों का गिरना तथा वृद्धि में कमी आदि।
- विटामिन बी12 — रुधिर की कमी।
- विटामिन सी — मसूड़े फूलना, अस्थियों के चारों ओर श्राव, जरा सी चोट पर रुधिर निकलना (स्कर्वी), अस्थियाँ कमजोर होना आदि।
- विटामिन डी — सूखा रोग (रिकेट्स), कमजोर दाँत, दाँतों का सड़ना आदि।
- विटामिन ई — जनन शक्ति का कम होना।
- विटामिन के — रुधिर का स्राव होना, ऐंठन, हीमोफीलिया आदि।
- फोलिक एसिड — अनीमिया तथा पेचिश रोग होता है।
- विटामिन ए का रासायनिक नाम रेटिनॉल है। इसे antixerophthalmic विटामिन भी कहते हैविटामिन आँखों से देखने के लिये अत्यंत आवश्यक होता है। साथ ही यह संक्रामक रोगों से बचाता है। यह विटामिन शरीर में अनेक अंगों को सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है जैसे कि त्वचा, बाल, नाखून, ग्रंथि, दाँत, मसूड़ा और हड्डी। सबसे महत्वपूर्ण स्थिती जो कि सिर्फ विटामिन ए के अभाव में होती है, वह है अंधेरे में कम दिखाई देना, जिसे रतौंधि (Night Blindness) कहते हैं। इसके साथ आँखों में आँसूओं के कमी से आँखें सूख जाती हैं और उनमें घाव भी हो सकते हैं। बच्चों में विटामिन ए के अभाव में विकास भी धीरे हो जाता है, जिससे कि उनके कद पर असर कर सकता है। त्वचा और बालों में भी सूखापन हो जाता है और उनमें से चमक चली जाती है। संक्रमित बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है ताजे फल दूध माॅस अण्डा मछली का तेल गाजर मक्खन हरी सब्जियों में होता है Aका संश्लेषण पौधे के पीले या नारंगी वर्णक से प्राप्त केरोटिन से यकृत(लीवर)में होता हैैAदृष्टिवर्णक रोडोप्सिन के संश्लेषण में सहायक होता है रंतौधी मोतियाबिंद जीरोफ्थेल्मिया त्वचा शुष्क,शल्की संक्रमण का खतरा आंख का लैंस दूधिया आवरण से अपारदर्शक होने से मोतियाबिंद होता है
विटामिन बी
विटामिन बी शरीर को जीवन शक्ति देने के लिए अति आवश्यक होता है। इस विटामिन की कमी से शरीर अनेक रोगो का घर बन जाता है। विटामिन बी के कई विभागों की खोज की जा चुकी है। ये सभी विभाग मिलकर ही विटामिन ‘बी’ कॉम्पलेक्स कहलाते हैं। हालाँकि सभी विभाग एक दूसरे के अभिन्न अंग हैं, लेकिन फिर भी सभी आपस में भिन्नता रखते हैं। विटामिन ‘बी’ कॉम्पलेक्स 120 सेंटीग्रेड तक की गर्मी सहन करने की क्षमता रखता है। उससे अधिक ताप यह सहन नहीं कर पाता और नष्ट हो जाता है। यह विटामिन पानी में घुलनशील होता है। इसके प्रमुख कार्य स्नायुओं को स्वस्थ रखना तथा भोजन के पाचन में सक्रिय योगदान देना होता है। भूख को बढ़ाकर यह शरीर को जीवन शक्ति देता है। खाया-पिया अंग लगाने में सहायता प्रदान करता है। क्षार पदार्थो के संयोग से यह बिना किसी ताप के नष्ट हो जाता है, पर अम्ल के साथ उबाले जाने पर भी नष्ट नहीं होता। विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के स्रोतों में टमाटर, भूसी दार गेहूँ का आटा, अण्डे की जर्दी, हरी पत्तियों का साग, बादाम, अखरोट, बिना पॉलिश किया चावल, पौधों के बीज, सुपारी, नारंगी, अंगूर, दूध, ताजे सेम, ताजे मटर, दाल, जिगर, वनस्पति साग-सब्जी, आलू, मेवा, खमीर, मक्की, चना, नारियल, पिस्ता, ताजे फल, कमरकल्ला, दही, पालक, बन्दगोभी, मछली, अण्डे की सफेदी, माल्टा, चावल की भूसी, फलदार सब्जी आदि आते हैं।
- विटामिन ‘बी’ कॉम्पलेक्स की कमी से उत्पन्न होने वाले रोग
हाथ पैरों की उँगलियों में सनसनाहट होना, मस्तिष्क की स्नायु में सूजन व दोष होना, पैर ठंडे व गीले होना, सिर के पिछले भाग में स्नायु दोष हो जाना, मांसपेशियों का कमजोर होना, हाथ पैरों के जोड़ अकड़ना, शरीर का वजन घट जाना, नींद कम आना, मूत्राशय मसाने में दोष आना, महामारी की खराबी होना, शरीर पर लाल चक्कत्ती निकलना, दिल कमजोर होना, शरीर में सूजन आना, सिर चकराना, नजर कम हो जाना, पाचन क्रिया की खराबी होना।
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1. विटामिन बी1 (थायमिन) की कमी
विटामिन बी1 शरीर में एनर्जी बढ़ाने और नर्वस फंक्शन को बनाए रखने में बड़ी भूमिका निभाता है. इसकी कमी से शरीर को कई नकसान हो सकते हैं.
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इन 2 विटामिन की कमी से शरीर में होने लगती है नसों की कमजोरी, कहीं आप तो नहीं जूझ रहे
Naso Ki Kamjori Ka Karan: कुछ विटामिन की कमी से शरीर में नसों पर असर पड़ता है. अगर आपको भी शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द और सूजन महसूस होती है, तो ये विटामिन की कमी का संकेत हो सकता है.
Naso Ki Kamjori Ka Karan: विटामिन बी12 की कमी नसों की कमजोरी का बड़ा कारण है.Naso Ki Kamjori Ka Karan: शरीर की नसें नर्वस सिस्टम का एक बड़ा हिस्सा हैं, जो पूरे शरीर में संदेश भेजने और प्राप्त करने का काम करती हैं. लेकिन, जब नसें कमजोर हो जाती हैं, तो यह आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं. क्या आप जानते हैं कि नसों की कमजोरी का एक मुख्य कारण विटामिन्स की कमी हो सकती है? खासतौर पर विटामिन बी1 (थायमिन) और विटामिन बी12 की कमी नसों की कमजोरी का बड़ा कारण है. लेकिन, इसे सही डाइट और लाइफस्टाइल के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है. अगर आप यहां बताए गए लक्षणों में से किसी से भी जूझ रहे हैं, तो तुरंत अपनी डाइट पर ध्यान दें और जरूरी कदम उठाएं. आइए जानते हैं इन विटामिन्स की कमी के प्रभाव और इसे कैसे पूरा करें.
नसों की कमजोरी का कारण (Causes of Nerve Weakness)
1. विटामिन बी1 (थायमिन) की कमी
विटामिन बी1 शरीर में एनर्जी बढ़ाने और नर्वस फंक्शन को बनाए रखने में बड़ी भूमिका निभाता है. इसकी कमी से शरीर को कई नकसान हो सकते हैं.
विटामिन बी1 की कमी के लक्षण
- सुन्नपन और झनझनाहट
- मांसपेशियों की कमजोरी
- थकान और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
विटामिन बी1 की कमी के कारण
- ज्यादा शराब का सेवन
- पौष्टिक भोजन की कमी
इन चीजों को खाकर पूरा करें विटामिन बी1 या थायमिन की कमी
अपनी डाइट में साबुत अनाज, मूंगफली, सूरजमुखी के बीज और दालें शामिल करें.
2. विटामिन बी12 की कमी
विटामिन बी12 खून और नर्वस सेल्स को हेल्दी बनाए रखने के लिए जरूरी है. इसकी कमी से न केवल नसों की कमजोरी होती है, बल्कि एनीमिया की समस्या भी हो सकती है.
विटामिन बी12 की कमी के लक्षण
- हाथ और पैरों में झनझनाहट
- स्मरण शक्ति कमजोर होना
- थकावट और चिड़चिड़ापन
विटामिन बी12 की कमी के कारण:
- वेजिटेरियन डाइट में कमी
- उम्र बढ़ने के साथ अवशोषण में कमी
विटामिन बी12 की कमी को पूरा करने के उपाय:
- डेयरी प्रोडक्ट्स, अंडे, मछली और बीफ जैसे फूड्स
- शाकाहारी लोग फोर्टिफाइड अनाज और विटामिन बी12 सप्लीमेंट्स का उपयोग कर सकते हैं.
- कैसे बचाव करें?
- बैलेंस डाइट लें: अपनी डाइट में विटामिन बी1 और बी12 से भरपूर फूड्स शामिल करें.
- समय पर चेकअप कराएं: समय-समय पर विटामिन लेवल की जांच कराएं.