राज्य में शिक्षा और आपदा जागरूकता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में प्रदेश के चुनिंदा शिक्षकों द्वारा रचित आपदा प्रबंधन एवं बचाव नामक राज्य स्तरीय पुस्तक का विमोचन दिनाँक 13 अप्रैल 2025 को न्यू सर्किट हाउस, सिविल लाइन रायपुर में माननीय श्री टंकराम वर्मा, मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, खेलकूद एवं युवा कल्याण विभाग के करकमलों द्वारा संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत माननीय मंत्री जी के द्वारा माँ सरस्वती के पूजन व दीप प्रज्वलन से हुई। माननीय मंत्री जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि आपदा प्रबंधन के विषय में छत्तीसगढ़ में जागरूकता लाने हेतु यह पहला प्रयास है जो कि सराहनीय है। मेंने स्वयं एक शिक्षक की भूमिका में अपने कर्तव्य का निर्वहन किया है। आपदा प्रबंधन विषय में पुस्तक के माध्यम से समाज में जागरूकता लाने के इस प्रयास के लिए सभी लेखक शिक्षकों को साधुवाद। जब भी इस प्रकार के जन जागरूकता संबधी कार्य किए जाएंगे मेरा प्रत्यक्ष सहयोग आप सभी शिक्षकों के साथ सदैव रहेगा। विमोचन के बाद सभी लेखक शिक्षकों को प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। पुस्तक में जिला गरियाबंद की शिक्षिका व्याख्याता समीक्षा गायकवाड़ सेजेस राजिम विकासखंड फिंगेश्वर एवं मैनपुर विकासखंड के शिक्षक संतोष कुमार तारक ने लेखन कार्य में विशेष सहभागिता प्रदान की। व्याख्याता गायकवाड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि पुस्तक में प्राकृतिक एवं मानवजनित आपदाओं से संबंधित जानकारी, सुरक्षा उपाय, और आपातकालीन परिस्थितियों में किये जाने वाले व्यवहारिक कदमों को सरल भाषा में समझाया गया है। पुस्तक की विशेषता यह है कि इसमें क्युआर कोड्स जोड़े गए हैं जिन्हें स्कैन करने पर छात्र वीडियो सामग्री देख सकते हैं। वीडियो न केवल पाठ्यवस्तु को सरल और रोचक ढंग से प्रस्तुत करते हैं बल्कि उनमें एनिमेशन, रीयल-लाइफ उदाहरण और मॉकड्रिल भी शामिल हैं जो बच्चों की समझ को और गहरा बनाते हैं। इसके अतिरिक्त यह पुस्तक दृष्टिबाधित बच्चों के लिए ऑडियो फॉर्मेंट में भी उपलब्ध कराई गई है ताकि वे भी समान रूप से विषयवस्तु को समझ सकें। यह संसाधन सामान्य विद्यार्थियों के साथ-साथ दिव्यांग (विशेष रूप से दृष्टिबाधित) विद्यार्थियों के लिए भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। पुस्तक की संपादनकर्ता राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षिका के. शारदा ने प्रदेश के 33 जिलों के सक्रिय व समर्पित शिक्षकों की एक टीम बनाकर पुस्तक का निर्माण किया। सह संपादक धमानंद गोजे एवं बुक प्रभारी प्रीति शांडिल्य के सहयोग से पुस्तक लेखन संपन्न हुआ। पुस्तक लेखन में मुख्य रूप से कृष्ण पाल राणा, संतोष कुमार पटेल, पुष्पेंद्र कुमार कश्यप, ज्योति बनाफर, श्वेता तिवारी, शांति लाल कश्यप, मधु तिवारी, रिंकल बग्गा, योगेश कुमार साहू, लक्ष्मण बाँधेकर, यशवंत कुमार पटेल, विनोद कुमार डडसेना, ममता सिंह, चंचला चंद्रा, महेंद्र कुमार चंद्रा, ब्रजेश्वरी रावटे, गुलजार बरेठ, रश्मि वर्मा, पूनम उर्मलिया, अनामिका चक्रवर्ती, शिवकुमार बंजारे, अमरदीप भोगल, डोलामणी साहू, समता सोनी, नंदा देशमुख, वसुंधरा गोजे, शुभम तिवारी, रामलाल केवट, सुप्रिया शर्मा, डॉ गोपा शर्मा का योगदान रहा। इस उपलब्धि पर जिले के शिक्षा विभाग सदस्यों ने हर्ष व्यक्त कर बधाई प्रेषित की है।
शिक्षकों की कलम से आपदा जागरूकता की नई मिसाल, मंत्री टंकराम वर्मा ने किया पुस्तक का विमोचन,गरियाबंद जिले के शिक्षक भी रहे शामिल
