जगदलपुर। CG NEWS : छत्तीसगढ़ के जंगलों में भालू के साथ की गई क्रूरता और उसकी हत्या का वीडियो सामने आने के बाद पूरे राज्य में हड़कंप मच गया था। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद इस गंभीर मामले को लेकर माननीय उच्च न्यायालय, बिलासपुर में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई। मामला तूल पकड़ने पर राज्य के वनमंत्री केदार कश्यप ने इसे “अक्षम्य अपराध” करार देते हुए तत्काल और कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए।
वनमंत्री के आदेश के तहत जगदलपुर वृत्त के मुख्य वन संरक्षक ने जांच कमेटी गठित कर जांच शुरू करवाई। प्रारंभिक जांच के आधार पर यह अंदेशा जताया गया कि यह घटना सुकमा जिले की हो सकती है। इसके बाद सुकमा वनमंडल द्वारा एक विशेष जांच दल का गठन किया गया, जिसने इलाके में गहन पूछताछ और छानबीन शुरू की। ग्रामीण क्षेत्रों, विद्यालयों और पोटा केबिनों में जाकर संदिग्धों की पहचान की गई।
वन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी – वंडो भीमा (उम्र 18-20 वर्ष) और चंडो देवा (उम्र 37-40 वर्ष) – सुकमा जिले के ग्राम पुट्टेपाड़ के निवासी हैं, जो एक दुर्गम और नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थित है। प्रारंभिक जांच के दौरान दोनों आरोपी फरार पाए गए, जिसके चलते तेलंगाना के भद्रकाली और भद्राचलम वन विभाग को भी सहयोग के लिए सूचना दी गई थी।
लगातार प्रयासों के बाद 14 अप्रैल 2025 को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर वन अपराध प्रकरण क्रमांक 9982/21 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
वनमंत्री केदार कश्यप ने कहा, “वन्यजीव हमारी अमूल्य संपदा हैं। इनकी रक्षा हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। भालू के साथ क्रूरता की यह घटना अत्यंत पीड़ादायक थी। दोषियों को कानून के अनुसार सख्त सजा दिलाई जाएगी।”
गौरतलब है कि इस मामले में वन विभाग ने भालू को नुकसान पहुंचाने वालों की जानकारी देने वाले को ₹10,000 इनाम की घोषणा की थी, साथ ही जानकारी देने वाले की पहचान गोपनीय रखने का आश्वासन भी दिया था।
यह घटना वन्यजीव संरक्षण की दिशा में राज्य सरकार की गंभीरता को दर्शाती है और आने वाले समय में ऐसे अपराधों पर लगाम लगाने की दिशा में एक मजबूत संदेश देती है।