धमतरी।CG NEWS :धमतरी जिले के नगरी-सिहावा क्षेत्र में सिंचाई विभाग की लापरवाही के चलते लाखों लीटर पानी व्यर्थ बह गया है। यह घटना ऐसे समय सामने आई है जब भीषण गर्मी में छत्तीसगढ़ समेत देश के कई हिस्सों में पानी को लेकर त्राहि-त्राहि मची हुई है।
कुछ महीने पहले ही जिला प्रशासन ने पानी बचाने की दिशा में ‘जल जगार’ कार्यक्रम को महोत्सव के रूप में मनाया था। 5-6 अक्टूबर 2024 को गंगरेल में आयोजित इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शिरकत कर जल संरक्षण की पहल की सराहना की थी। दीवाल लेखन, रैलियाँ, प्रतियोगिताएँ व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के ज़रिये लोगों में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया था।
लेकिन इसी जिले में अब पानी की भयंकर बर्बादी की तस्वीर सामने आ रही है। नगरी क्षेत्र में स्थित सोढूर बांध से सिंचाई विभाग द्वारा तालाबों और पोखरों में पानी पहुंचाने के लिए नहरों के माध्यम से जल प्रवाह किया गया। दुर्भाग्यवश, इस प्रक्रिया में विभाग ने कोई ठोस व्यवस्था नहीं की। नहरों से छोड़ा गया पानी तालाबों तक पहुंचने के बजाय खेतों में भर गया और देखते ही देखते खेतों ने तालाब का रूप ले लिया।
स्थिति यह है कि एक खेत से दूसरे खेत में पानी बहता हुआ बड़ा इलाका जलमग्न हो गया। अगर समय रहते खेतों के किनारों से नाली बनाकर सही दिशा में पानी पहुँचाया जाता, तो लाखों लीटर पानी को व्यर्थ बहने से बचाया जा सकता था।
जब हमारे संवाददाता ने इस संबंध में जानकारी के लिए नगरी स्थित सिंचाई विभाग कार्यालय का दौरा किया, तो ज्ञात हुआ कि अधिकारी धमतरी के रूद्री क्षेत्र के दौरे पर हैं। फोन पर संपर्क करने पर उन्होंने फिल्ड में कर्मचारी भेजकर पानी की बर्बादी को रोकने की बात कही।
जल संरक्षण केवल नारों और कार्यक्रमों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। “जल है तो कल है” केवल दीवार पर लिखने की बात नहीं, बल्कि व्यवहार में उतारने की ज़रूरत है। यह जिम्मेदारी न केवल आम जनता की है, बल्कि विभागीय अधिकारियों की भी बनती है।