वाराणसी।BIG NEWS :वाराणसी में एक 19 वर्षीय युवती के साथ सात दिनों तक 23 लोगों द्वारा कथित गैंगरेप के मामले ने नाटकीय मोड़ ले लिया है। पीड़िता के सनसनीखेज आरोपों के बाद जहां 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, वहीं अब मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया गया है।
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने गुरुवार को मामले की गंभीरता और उलझते पक्षों को देखते हुए SIT गठन की घोषणा की। साथ ही, अगली किसी भी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई है। यह फैसला तब आया जब आरोपियों के परिजनों ने पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचकर पीड़िता की संदिग्ध गतिविधियों से जुड़े सबूत सौंपे और निष्पक्ष जांच की मांग की।
मामले की शुरुआत: 7 दिनों का बंधक और गैंगरेप का आरोप
पीड़िता ने पुलिस में दर्ज शिकायत में दावा किया कि 29 मार्च से 4 अप्रैल 2025 तक उसे एक के बाद एक अलग-अलग स्थानों पर ले जाकर 23 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। उसने बताया कि लंका इलाके के एक कैफे में दोस्त राज विश्वकर्मा उसे बुलाकर नशा दिया और दुष्कर्म किया। इसके बाद अन्य लोगों ने उसे विभिन्न होटलों और स्थानों पर ले जाकर यौन शोषण किया। उसकी मां की तहरीर पर लालपुर-पांडेयपुर थाने में 12 नामजद और 11 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
परिजनों का पलटवार: पीड़िता की ‘स्वतंत्रता’ के सबूत
गुरुवार को एक नया मोड़ तब आया जब आरोपियों के परिजनों ने सैकड़ों की संख्या में पहुंचकर पीड़िता के खिलाफ कई सबूत पुलिस को सौंपे। उनका दावा है कि कथित गैंगरेप के दौरान पीड़िता सोशल मीडिया पर सक्रिय थी, इंस्टाग्राम पर उसने कई तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए, जिनमें वह प्रसन्नचित्त दिख रही थी। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि पीड़िता ने इंस्टाग्राम चैट के जरिए युवकों से खुद संपर्क किया और पैसे की मांग की। मेडिकल रिपोर्ट में भी पीड़िता के शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं मिले। रिपोर्ट में हेपेटाइटिस-बी पॉजिटिव और लंबे समय से नशे की लत के कारण पीलिया की पुष्टि हुई है।
SIT करेगी निष्पक्ष जांच
पुलिस कमिश्नर ने डीसीपी प्रमोद कुमार के नेतृत्व में SIT बनाई है, जिसमें महिला एडीसीपी, एक एसीपी और एक निरीक्षक शामिल हैं। टीम को 30 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
SIT अब आरोपियों द्वारा प्रस्तुत सबूतों, सोशल मीडिया रिकॉर्ड्स, मेडिकल रिपोर्ट और पीड़िता के बयान — सभी पहलुओं की पड़ताल करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी का संज्ञान
11 अप्रैल को वाराणसी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले का तत्काल संज्ञान लिया। बाबतपुर एयरपोर्ट पर उतरते ही उन्होंने अधिकारियों से मुलाकात कर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उनके हस्तक्षेप के बाद ही प्रशासन ने तेजी दिखाई और कई वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला भी किया गया।
सेक्स रैकेट का पहलू
जांच में पुलिस को यह भी पता चला है कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे एक सक्रिय सेक्स रैकेट भी काम कर रहा था। इसका संचालन अनमोल गुप्ता नामक युवक द्वारा एक कैफे की आड़ में किया जा रहा था। उसके कब्जे से 546 आपत्तिजनक वीडियो बरामद हुए हैं। हालांकि पुलिस का कहना है कि पीड़िता रैकेट की सदस्य नहीं थी, बल्कि उसे नशा देकर इसमें फंसाया गया।
वर्तमान स्थिति और समाज में गूंज
अब तक 14 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। हालांकि, पीड़िता ने कोर्ट में तीन आरोपियों पर लगाए आरोपों से इनकार कर दिया, जिससे मामला और जटिल हो गया है।
पीड़िता इस वक्त बीएचयू अस्पताल में भर्ती है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। समाज में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है — महिला संगठनों ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है, वहीं कुछ लोग जांच पूरी होने तक किसी नतीजे पर पहुंचने के खिलाफ भी आवाज उठा रहे हैं।
आगे की राह
SIT की रिपोर्ट से ही तय होगा कि इस मामले में वास्तव में कोई बड़ा अपराध हुआ है या यह किसी गहरी साजिश का हिस्सा था। पुलिस कमिश्नर ने निष्पक्ष और पारदर्शी जांच का वादा किया है।